पटना: पटना के गांधी मैदान में हर साल की तरह इस बार भी रावण दहन का कार्यक्रम हो रहा था. सूबे के मुखिया नीतीश कुमार मौजूद थे. लेकिन इस कार्यक्रम से बीजेपी नेताओं ने दूरी बना ली. सवाल खड़े हुए कि क्या सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी के बीच में खाई है.


यही सवाल जब बीजेपी के कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार किया. उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में कहा, "ये कोई मुद्दा है? मैं तो पिछले साल भी नहीं गया था. ये कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था.'' सुशील मोदी इन दिनों मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं.


वहीं पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद ने अपने और बीजेपी के दूसरे नेताओं का बचाव किया. दशहरा में बाढ़ से डूबी हुई जनता की सहानुभूति लेने के लिए दर्द बांटने वाला बयान दिया. सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि बीजेपी के विधायक और सांसद दशहरा में बाढ़ पीड़ितों के दुःख दर्द में थे इसलिए गांधी मैदान के रावण दहन में शामिल नहीं हुए. डिप्टी सीएम सुशील मोदी पटना से बाहर थे इसलिए वो भी नहीं गए. रामकृपाल के दावा किया कि बीजेपी और जेडीयू के बीच कोई खाई नहीं है. एनडीए में चट्टानी एकता है.


सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार बाढ़ पीड़ितों के लिए संवेदनशील नहीं है? क्या कार्यक्रम को रद्द नहीं कर देनी चाहिए थी. इसपर रामकृपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. कुछ लोग दशहरा मना रहे थे और कुछ लोग नहीं मना रहे थे. सीएम नीतीश काफी काम कर रहे हैं. रामकृपाल यादव ने अपने बारे में साफ किया कि उन्होंने पहले ही दशहरा नहीं मनाने का एलान कर दिया था.


केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद भी इन दिनों पटना में डेरा डाले हैं. उन्होंने नीतीश कुमार के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने को लेकर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि ये इत्तेफ़ाक तो नहीं है लेकिन जनता तकलीफ़ में थी और मैंने जनता के दर्द को समझते हुए कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला लिया.


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सवाल ये है कि बाढ़ का दर्द सिर्फ बीजेपी नेताओं को ही क्यों दिख रहा है? जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने साफ कहा कि जनता के काम में कोताही हुई है. अब उत्तरदायित्व से पीछा छुड़ा नहीं सकते है.


पटना मध्य से बिजेपी विधायक अरुण सिन्हा पर लोग जगह जगह अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रही है. बीजेपी के नेताओं को जनता के गुस्सा का अंदाज़ा हो गया था. ऐसे में दशहरा में रावण दहन वाली मंच पर दिखने से जनता का गुस्सा और भड़क सकता था इसकी आशंका बीजेपी नेताओं को हो चुकी थी.


इसी बहाने जेडीयू बीजेपी को आइना दिखा रही है. पटना में सभी सांसद, विधायक और मेयर बीजेपी के हैं. डिप्टी सीएम सुशील मोदी बीजेपी से हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के साथ-साथ बीजेपी नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतने सालों से उन्होंने पटना के विकास के लिए क्या किया?