यूपी चुनाव में वंशवाद की लहर, बीजेपी, एसपी, बीएसपी, कांग्रेस कोई पीछे नहीं
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नई दिल्ली: यूपी में बीजेपी की दूसरी सूची जारी होते ही पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने और बाहरियों को टिकट देने के आरोप लगने लगे हैं. बीजेपी ने कम से कम 8 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनके परिवार का पहले से बीजेपी में कोई ना कोई है या रह चुका है.
नोएडा विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार पंकज सिंह कह रहे हैं कि उन्हें उनकी मेहनत का इनाम मिला है. आरोप लग रहा है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह का बेटा होने की वजह से उन्हें सिटिंग MLA का टिकट काटकर मैदान में उतार गया है .
अभी नोएडा से विमला बाथम विधायक हैं. 2012 में यहां से महेश शर्मा जीते थे, महेश शर्मा के सांसद बनने के बाद विमला चुनाव जीती. विमला की जगह पंकज को टिकट मिला.
पंकज सिंह तो काम का इनाम मान रहे हैं लेकिन कैराना से बीजेपी की उम्मीदवार बनीं म़गांका टिकट को पिता का आशीर्वाद मान रहे हैं. कैराना से पहले हुकुम सिंह विधायक थे. हुकुम सिंह वर्तमान में कैराना से सांसद हैं.
पीएम मोदी ने नेताओं से अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट नहीं मांगने की अपील की थी लेकिन हुआ इसके ठीक उलट. कल जारी हुई दूसरी लिस्ट में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की बहू और पोते को टिकट मिला. गोंडा से सांसद बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक को टिकट दिया गया.
बढ़ापुर से सांसद सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत को टिकट मिला. महिलाबाद से एमपी कौशल किशोर की पत्नी को टिकट दिया गया. इसके अलावा बीएसपी से बीजेपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्या के बेटे उत्कर्ष को उंचाहार से मैदान में उतारा गया है.
समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं बीजेपी में वंशवाद की गंगा में डुबकी लगाने का आरोप भले लग रहा है लेकिन इसकी पहली धारी सूबे की सत्ताधारी एसपी के घर से निकली. एसपी की कैंडिडेट लिस्ट में बेटे-बेटियों को की बहार है. आजम खान के बेटे अब्दुला को रामपुर की स्वार सीट से टिकट मिला. नरेश अग्रवाल के बेटे नीतिन अग्रवाल को हरदोई से मैदान में उतारा है. समाजावादी पार्टी ने लखनऊ कैंट मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को बीजेपी उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ उतारा है.बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को भी बहराइच की कैसरगंज सीट से टिकट दिया गया है. वहीं लालू यादव के दामाद राहुल यादव को बुलंदशहर की सिकंदराबाद सीट से टिकट मिला है.
कांग्रेस भी वंशवाद की रेस में कांग्रेस ने भी कद्दावर नेता रहे जीतेंद्र प्रसाद के बटे जितिन प्रसाद को टिकट दिया है.
मायावती ने भी बांटे 'वंशवाद के टिकट' दलितों और शोषितों की बात करने वाली बीएसपी भी वंशवाद के पतवार के सहारे ही है. मायावती ने बरेली से दो भाईयों सुलतान बेग और सुलेमान बेग को उम्मीदवार बनाया है. जलालपुर से पूर्व सांसद राकेश पांडे के बेटे रितेश पांडे को टिकट दिया गया है. जबकि सरधना से हाजी हाकूब कुरैशी के बेटे इमरान को संगीत सोम के खिलाफ उतारा है.
सबसे बड़ी बात ये कि अखिलेश और राहुल खुद वंशवाद की ही देन है और इसी को आगे बढ़ा रहे हैं. जिससे पार्टी के खांटी कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किल हो गई है
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