नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नामदार कह मजाक उडाते हों, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश के चुनावों में ढेर सारे मंत्री पुत्र चुनाव मैदान में उतर कर नामदार बनने की कतार में है. नेता पुत्रों के राजनीति में आने को बीजेपी स्वाभाविक मान रही है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अपने कुनबे में झांके जहां ढेर सारे नेता पुत्र पहले से ही राजनीति में बडे पदों पर बैठे हैं.

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान

मध्यप्रदेश विधासभा चुनाव में नामदार यानी कई नेतापुत्र उतरने को तैयार हैं. इनमें सबसे पहला नंबर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान का है. कार्तिकेय चौहान फिलहाल पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कार्तिकेय चौहान अपने पिता की विधानसभा बुधनी में काफी सक्रिय रहते हैं. चुनाव करीब है इसलिए पिता के विकास कार्यों को गिना रहे हैं.

राजनीति में परिवारवाद पर कार्तिकेय की सफाई

जब कार्तिकेय से राजनीति में परिवारवाद पर सवाल पूछा गया तो कार्तिकेय ने कहा, ‘’अगर आप परिवारवाद की बात करें तो दो प्रकार के लोग होते हैं, एक तो वो होते हैं जो बचपन से चांदी का चम्मच मुंह में लेकर आते हैं और तुरंत कोई पद लेकर कुछ न कुछ बन जाते हैं. ना मैं कोई पद की उम्मीद कर रहा हूं और ना मुझे पार्टी से कोई टिकट चाहिए. मैं पार्टी की सेवा करने का काम कर रहा हूं, इसलिए मैं उन लोगों से अपने आपको अलग मानता हूं.’’  बता दें कि प्रदेश में बीजेपी पिछले 15 सालों से सत्ता में है. इसलिये उनके नेताओं के बेटे बड़े हो गए हैं  और चुनाव लड़ने की लाइन में लगे हैं.

इन बड़े नेताओं के बेटे भी हैं लाईन में

शिवराज के बेटे कार्तिक के अलावा बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह, मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव,  लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन, कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन, मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार और पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की बहु कृष्णा गौर चुनाव लड़ने की तैयारियों में हैं.

वंशवाद पर राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता की सफाई

लेकिन बीजेपी इनको नामदार नहीं मानती. प्रदेश राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सफाई दी और कहा, ‘’मैं अगर किसी मंत्री का पुत्र हूं और मैं राजनीति में काम कर रहा हूं तो मेरा भी अपना कुछ अस्तित्व है कि नहीं? मैं कुछ नहीं हूं और उठाकर मुझे थोप दिया जाए, मैं इसको परिवारवाद मानता हूं.  मेरी कोई समाजसेवा नहीं, कोई मेरा पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं रहा है और मैं सीधा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाऊं तो ये तो नामदार ही हुआ?’’

उधर कांग्रेस मानती है कि वंशवाद तो बीजेपी में भी जमकर है. वो राहुल गांधी पर हमले कर वशंवाद की बात को बेवजह तूल दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा का कहना है, ‘’मैं आपको बहुत अच्छा एक वो दिखा सकती हूं, जिसमें तमाम बीजेपी के पूरे देश में जो बड़े नेता हैं. उनके पुत्र या पुत्री पहले से ही विधायक या सांसद है. इसलिए बीजेपी हमेशा जो कहती है दूसरों पर लांछन लगाती है, उंगली उठाती है, उनके घर में ही वंशवाद ढेर सारा है.’’

राहुल को नामदार कहकर पीएम मोदी ने साधा था कांग्रेस पर निशाना

पीएम मोदी नामदार पुत्र को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साध चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा था, ‘’जिस नामदार को गठबंधन के सीनियर नेताओं की तवज्जो न हो. जिस नामदार को कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र से लेना देना न हो. जिस नामदार का अहंकार सातवें आसमान पर पहुचां हो और जो खुलेआम 2019 में अपनी मर्जी से अपने को प्रधानमंत्री घोषित कर दे ऐसे इमैच्योर नामदार को क्या देश की जनता कभी स्वीकार करेगी?’’

वंशवाद की मुखालफत करते वक्त पीएम मोदी राहुल गांधी को कई बार नामदार कह चुके हैं, राजनीति में परिवारवाद पर कई बार सवाल उठा चुके हैं, लेकिन लगता है कि उन्हीं की पार्टी में जो परिवारवाद चल रहा है उऩ्हें उसकी उन्हें खबर नहीं है.

हालंकि ये भी सच है कि पीएम मोदी के वंशवाद के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान पर ये नेता पुत्र टिकट कटने की आशंका से डरे हुये भी है. लेकिन उम्र के आधार पर अगर उनके पिता का टिकट कटता है तो बेटों को टिकट मिलने का रास्ता आसानी से खुल सकता है.

यह भी पढ़ें


असम NRC: भारत में कितने विदेशी हैं यह जानना जरूरी- राजनाथ सिंह


लखनऊ: भारी बारिश की वजह से एक ही दिन में जमींदोज हुईं तीन इमारतें, तीन की मौत


जम्मू-कश्मीर: सोपोर में दो आतंकी ढेर, अनंतनाग में ग्रेनेड हमले में दो जवान घायल


आर्थर रोड की बैरक नंबर 12 हो सकती है माल्या का नया पता, CBI ने वीडियोग्राफी की इजाजत मांगी