नई दिल्ली: चुनाव आयोग (EC) ने बिहार चुनाव आयुक्त को आदेश देते हुए कहा कि कोरोना संकट के बीच चुनाव कैसे हो इसको लेकर राजनीतिक दलों से चर्चा करें. इसके साथ ही कहा गया है कि पोलिंग स्टेशन पर एक हजार से ज्यादा मतदाता न हों. वहीं चुनाव आयोग बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था करने की बात कही है.
बता दें कि इससे पहले 26 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों से चुनाव को लेकर सुझाव मांगे गए थे. बैठक के बाद जेडीयू और आरजेड़ी ने अपनी बातें रखी थीं. बिहार चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ये सर्वदलीय बैठक थी. इस बैठक में जेडीयू ने मांग की थी कि बिहार में एक फेज में विधानसभा चुनाव होने चाहिए. इसके साथ ही ये मांग की थी कि चुनाव प्रचार कैसे किए जाए, इसको लेकर चुनाव आयोग दिशा-निर्देश जारी करे.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव होने में कुछ ही महीने बाकी रह गए हैं लेकिन फिलहाल देश और राज्य कोरोना के संकट काल से गुजर रहा है. ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर हैं कि राज्य में चुनाव कैसे होगा?
राज्य में सत्ताधारी एनडीए नीतीश कुमार को अपना चेहरा घोषित कर चुकी है. वहीं महागठबंधन में अभी इस बात का एलान नहीं हो पाया है. हालांकि, महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी तेजस्वी यादव को अपना सीएम का उम्मीदवार बहुत पहले ही घोषित कर चुकी है लेकिन सभी दलों की इस पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, आरएलएसी और हम पार्टी शामिल हैं. वहीं एनडीए में जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी शामिल हैं.
दोनों खेमों में अभी सीट बंटवारे को लेकर कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है और दबाव की राजनीति शुरू है. हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, आरजेडी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं तो वहीं एनडीए में एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर चुके हैं.
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