लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर मची अंदरूनी कलह के बीच शुक्रवार का दिन पार्टी के लिए काफी अहम है. सुलह की कोशिशों के बीच चुनाव चिन्ह 'साइकिल' किसकी होगी, इसका फैसला शुक्रवार को चुनाव आयोग करेगा. अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के खेमे के साइकिल पर बारी-बारी से दावा करने के बाद चुनाव आयोग आज फैसला करेगा.
गौरतलब है कि सपा में जारी संकट के बीच सबसे पहले मुलायम सिंह यादव और फिर अखिलेश खेमे ने चुनाव आयोग में चुनाव चिन्ह पर दावा ठोका था. मुलायाम ने कहा है कि पार्टी उन्होंने बनाई है इसलिए पहला हक उनका है.
अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव ने 6 जनवरी को अखिलेश के समर्थक नेताओं की सूची सौंपी थी. उन्होंने बताया था कि 229 में से 212 विधायकों, 68 में से 56 विधान परिषद सदस्यों और 24 में से 15 सांसदों ने अखिलेश को समर्थन देने वाले शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
रामगोपाल ने कहा था कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है. चुनाव चिन्ह साइकिल इसी खेमे को मिलनी चाहिए.
गौरतबलब है कि चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावेदारी के लिए मुलायम और अखिलेश खेमा चुनाव आयोग के कार्यालय गया था, जिस पर आयोग ने दोनों खेमों को नौ जनवरी तक समर्थक विधायकों की सूची शपथ पत्र के माध्यम के जरिए जमा कराने को कहा था. इसके बाद फैसले के लिए आज का दिन तय किया गया.