नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व सरकारी इंजीनियर यादव सिंह की 14.48 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने यह कार्रवाई यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले के हिस्से के तौर पर की है. ईडी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.


ईडी अधिकारी ने कहा, "हमने 23.15 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में यादव सिंह की 14.48 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की है. यह जब्ती की कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई. अब तक इस मामले में कुल 20.38 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की कार्रवाई की गई है."


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जब्त की गई संपत्ति यादव सिंह, उनकी पत्नी कुसुम लता व उनकी दो कंपनियों- कुसुम लता गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और के.एस. अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की है.


ईडी ने सिंह की गौतम बुद्ध नगर की 1.28 करोड़ रुपये की तीन संपत्तियों, बैंक की 29.46 लाख रुपये की नकदी और नोएडा के 51 सेक्टर में 44.97 लाख रुपये चल संपत्ति को जब्त किया. एजेंसी ने सिंह की पत्नी के 7.2 करोड़ रुपये मूल्य की आगरा, मथुरा, गौतम बुद्ध नगर और दिल्ली की 18 संपत्तियों को भी जब्त किया.


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ईडी ने कुसुम लता गारमेंट्स व के.एस.अल्ट्राटेक की क्रमश: 4.65 करोड़ रुपये और 46.75 लाख रुपये मूल्य की संपत्तियों को भी जब्त किया. यादव सिंह उत्तर प्रदेश के नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी व यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी के इंजीनियर-इन-चीफ थे.


आयकर विभाग द्वारा नवंबर 2014 में की गई छापेमारी में खुलासा हुआ था कि सिंह ने आय के ज्ञात स्रोत से ज्यादा संपत्ति जुटाई है.


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उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2015 में यादव सिंह को निलंबित कर दिया था और एक सदस्यीय न्यायिक आयोग उनके करोड़ों रुपये के मामले की जांच के लिए गठित किया है. यादव सिंह को फरवरी 2016 में गिरफ्तार किया गया.


सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज किए हैं. इसमें से नवीनतम 17 जनवरी को दर्ज किया गया. यादव सिंह पर कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों का उल्लंघन कर ठेके देने का आरोप है. यादव सिंह वर्तमान में गाजियाबाद की डासना जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.