चुनाव से पहले मुश्किल में माया, नोटबंदी के बाद BSP के खाते में जमा हुए 104 करोड़
लखनऊ/नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं और उससे पहले प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुश्किलें बढ़ गईं है. इससे मायावती भी मुश्किल में फंस सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली में यूनियन बैंक की करोलबाग ब्रांच में बीएसपी के ऐसे खाते का पता चला है, जिसमें नोटबंदी के बाद करीब 104 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं, वो भी नकद.
इसे लेकर मायावती दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती हैं.
दिल्ली के करोल बाग में यूनियन बैंक की ब्रांच में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच चल रही है. नोटबंदी के बाद पहली बार किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी पर जांच की सुई घूमी है.
ईडी को इस बैंक की जांच के दौरान बहुजन समाज पार्टी का खाता भी मिला. पता चला कि इस खाते में नोटबंदी के बाद कुल 104 करोड 36 लाख रुपए जमा हुए हैं. ये सारा पैसा कैश में जमा कराया गया था. सूत्रों के मुताबिक बीएसपी के खाते में
- 2 दिसबंर को 15 करोड़
- 3 दिसबंर को 15 करोड़ 80 लाख
- 5 दिसबंर को 17 करोड़
- 6 दिसबंर को 15 करोड़
- 7 दिसबंर को 18 करोड़
- 8 दिसबंर को 18 करोड़
- 9 दिसबंर को 5 करोड़ 20 लाख रुपए नगद जमा कराए गए.
23 दिनों के भीतर इन खातों में 103 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं. जबकि पूरे साल सिर्फ 33 करोड़ रुपए ही जमा हुए थे.
सूत्रों के मुताबिक, इन नोटों में लगभग 102 करोड़ रुपए 1000 के नोटों की शक्ल में थे. जबकि बाकी रकम पांच सौ के नोटों के रूप में जमा कराई गई थी. अब आयकर विभाग बीएसपी से इतनी बड़ी नगदी का सोर्स पूछ सकता है.
नियम के मुताबिक राजनीतिक पार्टी को बीस हजार रुपए से ज्यादा के चंदे का रिकॉर्ड रखना होता है. बताना होता है कि चंदा किसने दिया है, वो कहां रहता है. अगर कोई पार्टी इसका हिसाब नहीं रखती है तो आय़कर विभाग उसके खिलाफ एक्शन ले सकता है.
भाई भी बना मुसीबत
मायावती के सामने दोहरी मुसीबत ये है कि उनके भाई आनंद कुमार पर बिल्डरों से मिलकर बेनामी संपत्ति जमा करने का आरोप लग रहा है. आयकर विभाग ने आरंभिक जांच शुरू करते हुए आधा दर्जन बिल्डरों को नोटिस भेजा है.
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में आनंद कुमार के बैंक अकाउंट के बारे में बड़े खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के करोलबाग में यूनियन बैंक की जांच के दौरान आनंद कुमार के खाते में पैसे जमा कराए गए हैं. आनंद कुमार के खातों में नोटबंदी के बाद एक करोड़ 43 लाख रुपए जमा हुए हैं.
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