नई दिल्ली: साक्षी महाराज के जनसंख्या वृद्धि के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान पर आज चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग ने बीजेपी सांसद साक्षी महाराज की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनकी निंदा की है. साथ ही, चेतावनी दी कि यदि वह फिर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करेंगे, तो सभी उपलब्ध शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
आयोग ने कहा कि उसने सांसद के बयान को संतोषजनक नहीं पाया है क्योंकि आयोग का विचार है कि चुनाव के सिलसिले में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म के आधार पर बैर को बढ़ावा देने वाला कोई भी बयान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
गौरतलब है कि आदर्श आचार संहिता चार जनवरी को लागू हो गई थी, जब आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी.
अपनी टिप्पणी पर अडिग रहते हुए साक्षी महाराज ने आयोग से कहा कि उनका बयान सार्वजनिक रूप से चुनाव सभा में नहीं दिया गया, बल्कि एक संत सम्मेलन में दिया गया और इसलिए इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता.
वहीं, आदेश में कहा गया कि अब चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता और उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर आपकी निंदा करता है और उम्मीद करता है कि आप एक सांसद होने के नाते चुनाव के वक्त सार्वजनिक रूप से अपना बयान देने के दौरान ज्यादा सावधान रहेंगे.
आदेश में कहा गया है, ‘‘आप इसे भी संज्ञान में रख सकते हैं कि भविष्य में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने की स्थिति में आयोग अपने पास उपलब्ध सारी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.’’ पिछले हफ्ते मेरठ में एक संत सम्मेलन के दौरान साक्षी महाराज ने कहा था कि जनसंख्या बढ़ने के चलते देश में समस्याएं हैं. ‘‘हिंदू उसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं. इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं जो चार पत्नियों और 40 बच्चों की बात करते हैं.’’सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही आदेश दिया था कि राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकते हैं.