नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आज फिर बताया कि ईवीएम में गड़बड़ी संभव नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठाने वालों को चुनाव आयोग ने तीन जून से ईवीएम हैक करने की चुनौती दी है. आपको बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने एक सप्ताह पहले ही राजनीतिक दलों को चुनौती दी थी कि वे साबित करें कि हालिया विधानसभा चुनावों में प्रयुक्त ईवीएम में धांधली संभव है. दरअसल कई प्रमुख राजनीतिक दलों का दावा है कि ईवीएम से लोगों का विश्वास उठ गया है.


तीन जून से शुरू होगी EVM चुनौती: निर्वाचन आयोग


मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, ‘‘ईवीएम चुनौती तीन जून से शुरू होगी.’’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ईवीएम के भरोसे पर सवाल उठाया है उन्होंने अभी तक अपने दावों के समर्थन में पुख्ता साक्ष्य नहीं दिये हैं.


जैदी ने कहा, ईवीएम के भीतर लगे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को बदलना संभव नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे ईवीएम तकनीकी रूप से सुदृढ़ हैं और उनमें धांधली संभव नहीं.’’ जैदी ने आम आदमी पार्टी के दावों को खारिज किया कि ईवीएम में धांधली संभव है. उन्होंने कहा मशीन में कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाना सभी पक्षों की जिम्मेदारी है और निर्वाचन आयोग इस संबंध में सभी जरूरी कदम उठा रहा है.


ईवीएम से छेड़छाड़ की शंकाओं को EC ने किया खारिज


निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ की संभावनाओं को खारिज किया. जैदी ने कहा, "किसी भी ट्रोजन हॉर्स मैलवैयर से ईवीएम के सॉफ्टयवेयर से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती." उन्होंने ईवीएम के निर्माण के दौरान भी मशीन से किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इनकार किया. उन्होंने कहा, "न तो निर्माण के दौरान मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव है और न ही इसके सिक्योरिटी सॉफ्टवयेर के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है."


जैदी ने कहा, "सुनियोजित तरीके से भी निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, क्योंकि मशीनों के निर्माता को उम्मीदवारों की संख्या के बारे में पता नहीं होता."


मतगणना के दौरान भी मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं


सीईसी ने कहा, "यहां तक कि निर्वाचन आयोग के पास भी पहले से कोई विस्तृत जानकारी नहीं होती. आयोग को उम्मीदवार, उनके नाम या उनके नंबर के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती." उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया के दौरान भी मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है.


जैदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पहले ही घोषणा कर दी है कि भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ होंगे और इन मशीनों के निर्माण का ऑर्डर दे दिया गया है.


सीईसी ने कहा, "इस साल अगस्त से निर्माता वीवीपैट मशीनों के साथ ईवीएम का निर्माण शुरू कर देंगे और सितंबर 2018 में ये मशीनें निर्वाचन आयोग को मिल जाएंगी." उन्होंन कहा कि इससे मतदाताओं का पारदर्शी चुनाव में भरोसा कायम होगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अन्य तथ्यों से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की संभावना की शंकाओं को दूर कर दिया जाना चाहिए.