जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझान के हिबास से नतीजे पूरी तरह से साफ नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से लगातार रुझान आ रहे हैं उससे ऐसे पूरे आसार दिख रहे हैं कि सूबे में कांग्रेस की गठबंधन सरकार बन सकती है. इसका इस बात से भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने सीएम की कुर्सी के लिए अपनी-अपनी दावेदारी तेज़ कर दी है.

सबसे पहले राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश पायलट मीडिया के सामने आए और कांग्रेस की जीत का जश्न माया और साथ-साथ इसके जरिए अपने सीएम की दावेदारी पर भी अपनी बैटिंग की. हालांकि, उन्होंने ये जरूर साफ किया है कि सीएम पद का फैसला पार्टी आलाकमान करेगी.

सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अशोक गहलोत भी मीडिया के सामने आए और बिना कहे उन्होंने भी सीएम के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की. गहलोत ने भी सीएम का फैसला पार्टी और विधायक दल पर छोड़ा.

लेकिन कभी पूर्व सीएम रहे गहलोत तब सबका ध्यान अपनी ओर खींच बैठे जब वे चाय वाले बन गए. दरअसल गहलोत अपने घर पर लोगों को चाय पीलाते नज़र आए. विशेषज्ञों की राय में गहलोत का इस तरह से खुद का पेश करना दरअसल, सीएम की रेस में अपनी उम्मीदवारी को पुख्ता तौर पर पेश करना था.

खास बात ये है कि गहलोत के चाय पिलाने के बाद सचिन पायलट एक बार फिर मीडिया के सामने आए और साफ-साफ दावा किया कि सूबे में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है. मीडिया में जिस तरह से खुद को पेश किया उसमें ये संकेत देने की कोशिश की जैसे वो अगले सीएम भी बनने जा रहे हैं.

दोपहर एक बजे तक के नतीजे में सूबे की 199 सीटों में से 86 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस 91 सीटों पर आगे चल रही था. एक सीट पर चुनाव नहीं हुआ है. ऐसे में बहुमत का जादुई आंकड़ा 100 का है.