लखनऊ: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि यूपी पुलिस ने अलीगढ़ में पुलिस कप्तान की मौजूदगी में मीडिया को बुलाकर जिस तरह दो अपराधियों के साथ मुठभेड़ की पटकथा लिखी और उसका फिल्मांकन करवाया, यह प्रदेश को शर्मसार करने वाली घटना है.
कांग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर राजीव बख्शी ने कहा कि प्रदेश सरकार की अपराध नियंत्रण की कार्यप्रणाली भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर आघात है. संत-महंत मुख्यमंत्री के निर्देशन में ऐसा अमानवीय कृत्य लोकतांत्रिक एवं सभ्य समाज को शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि पुलिस का कार्य किसी भी अपराधी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर न्यायिक व्यवस्था और उसकी प्रक्रिया में लाकर उसे दोषसिद्ध करने के लिए सबूत पेश कर कोर्ट की मदद करना है. विधि के अनुसार अपराध रोकथाम और अपराधियों को दंड दिलाने में अक्षम और स्वेच्छाचारी सरकार यह भूल जाती है कि यह देश न्यायिक व्यवस्था संचालन के लिए इंडियन पेनल कोड और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता से चलता है.
बख्शी ने कहा कि कोई भी सरकार किसी व्यक्ति को उसके जीवन अधिकार से न्यायिक प्रक्रिया का शुचितापूर्ण पालन किए बिना वंचित नहीं कर सकती. जीवन के अधिकार से वंचित करने की युक्तियुक्तता निर्धारण का कार्य भारतीय संविधान ने न्यायालयों को दिया है. पुलिस और उसके रिंग मास्टर सरकार को नहीं.
बख्शी ने कहा कि देशी जेम्स बांड बनकर मौके पर ही फुल एंड फाइनल की लाइसेंस प्राप्त योगीराज की पुलिस 11 महीने में 1241 एनकाउंटर कर चुकी है. खास बात यह कि एनकाउंटर ज्यादातर पश्चिमी यूपी में कराए जा रहे हैं. इनमें मारे जाने वाले लोगों में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का बड़ा प्रतिशत रहा. ये एनकाउंटर योगी सरकार का राजनीतिक कार्यक्रम बन चुका है.