एटा: एटा में हुए स्कूल बस हादसे ने कई परिवारों को कभी ना भरने वाला जख्म दे दिया. किसी के घर का चिराग चला गया तो किसी के जीने का इकलौता सहारा. कहीं मातम फैला है तो कहीं सन्नाटा पसरा है. पांच साल के विकास की मौत ने उसके परिवार का आखिरी सहारा भी छीन लिया.

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एटा के कई गांवों में मातम का माहौल है. दर्द ऐसा कि बयां करना मुश्किल. सिर्फ रोती हुई आंखें दिल का दर्द बयां कर पा रही हैं. एटा के टिकैतपुरा गांव के रहने वाले रामसेवक की तो मानो दुनिया ही खत्म हो गई. हादसे में उनके पांच साल के बेटे विकास की भी मौत हो गई.

रामसेवक और उनकी पत्नी ने अपने लाडले विकास को कुछ महीने पहले ही स्कूल भेजना शुरू किया था. बेटा अच्छे से पढ़ सके इसके लिए रामसेवक ने घर में ही ब्लैकबोर्ड बनवा दिया था. लेकिन अब इसी ब्लैकबोर्ड को देखकर पिता की आंखों में आंसू आ रहे हैं.

बेटे विकास का जाना रामसेवक के लिए दुनिया खत्म होने जैसा है. रामसेवक के एक बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है. विकास ही उनकी दुनिया थी और उसको पढ़ाने के लिए रामसेवक अच्छी नौकरी भी छोड़ चुके थे. रामसेवक का आखिरी सहारा भी इस दुनिया से चला गया.

अलीगंज के गांव कैला में भी पसरा सन्नाटा



एटा में अलीगंज के गांव कैला में भी सन्नाटा पसरा है. 14 साल के बच्चे सनी की भी मौत इस हादसे में मौत हो गई है. सनी की मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. सनी के जाने से दादा दादी की पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो. चार साल पहले सनी के माता-पिता की भी मौत हो गई थी. सनी के पिता की जान भी सड़क हादसे में ही गई थी.