UP: आज़ादी के बाद से सड़क से महरूम गांव, प्रेग्नेंट महिला को चारपाई पर ले जाना पड़ा हॉस्पिटल
यूपी के इटावा में सड़क से महरूम एक गांव वालों को एक प्रेग्नेंट महिला को चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ा.

इटावा: विकास के निरंतर दावों और आज़ादी के 72वें जश्व के कुछ ही दिनों बाद देश के सबसे बड़े सूबे से ऐसी तस्वीरें आई हैं, जिन्हें देख किसी भारतीय का सर शर्म से झुक जाए. तस्वीरें यूपी के इटावा की हैं, जहां सड़क से महरूम गांव वालों को एक प्रेग्नेंट महिला को चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ा.
मरीज़ों को खाट पर लादकर ले जाना आम बात ऐसी हालत से जूझ रहे गांव वालों का आरोप है कि वैसे तो यहां 100 से ज़्यादा परिवार रहते हैं, लेकिन हॉस्पिटल तो दूर...आज़ादी के बाद से आज तक किसी ने सड़क तक की सुध नहीं ली. वहीं, उनका ये भी कहना है कि उनके लिए प्रेग्नेंट औरतों और मरीज़ों को खाट पर लादकर ले जाना आम बात है.
Etawah: Pregnant woman was allegedly carried on cot as there was no proper road in the village. Local says, 'around 100 families stay here but nobody has made a road here since independence. Pregnant women & ill people are carried on cot till the road. There are no facilities.' pic.twitter.com/1gaKC91M7y
— ANI UP (@ANINewsUP) September 7, 2018
दिक्कत जल्द हल होने का आश्वासन मामले पर बोलते हुए इटावा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (एडीएम) जीतेंद्र कुशवाहा ने कहा, "मुझे इस मामले का पता चला है और मैंने सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को इसकी जानकारी दे दी है." उन्होंने आगे कहा कि एसडीएम एक टीम भेज रहे हैं और दिक्कत को जितनी जल्दी हो सके हल कर दिया जाएगा.
आंध्र प्रदेश से आया ऐसा ही मामला अपनी तहर का ये पहला मामला नहीं है. अभी कल ही आंध्र प्रदेश के विजनगरम जिले में दर्द से कराह रही एक गर्भवती महिला को सड़क नहीं होने की वजह से परिवार वालों ने डोली बनाकर अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन आदिवासी महिला ने कुछ देर बाद ही खुले आसमान में बच्चे को जन्म दे दिया.
#WATCH: A pregnant woman being carried by her relatives through a forest for 4 km in Vijayanagaram district due to lack of road connectivity. Hospital was 7 km away from the village but she delivered midway & returned. Both the baby & the mother are safe. (4.9.18) #AndhraPradesh pic.twitter.com/fvGZlYwDCl
— ANI (@ANI) September 7, 2018
दाना माझी के मामले ने दुनिया भर में खोली थी भारत की पोल देश भर से आए दिन ऐसी ख़बरें आती रहती हैं. ऐसे ही एक मामले में जब ओडिशा के दाना माझी की ख़बर सामने आई थी, तब दुनिया भर में भारत के हेल्थ और रोड सिस्टम की पोल खुल गई थी. एबुलेंस नहीं मिलने के कारण दाना मांझी को अपनी पत्नी की लाश कंधे पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा था. उनके साथ उनकी बेटी इस शवयात्रा में शामिल थी.
मामला चाहे राजनीतिक रूप से कथित तौर पर अहम माने जाने वाले हिंदी बेल्ट के बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का हो या दक्षिण के तेलंगाना जैसे राज्यों का हर जगह का यही हाल है. बिहार के जहानाबाद में नीतीश कुमार के हुक्मरानों की करतूत से मानवता तब शर्मसार हो गई जब हाल ही में एक लावारिस लाश को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस और अस्पताल प्रबंधन एक दूसरे को पत्राचार कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते रहे जिसकी वजह से इसमें 12 दिन लग गए और महिला की लाश में कीड़े पड़ गए.
वहीं, मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सरकारी जयारोग्य अस्पताल में तीन मरीजों की मौत पर हाल ही में तब हंगामा खड़ा हो गया जब मरीजों के परिवार ने आरोप लगाया कि बिजली गुल होने के दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई जिससे मरीजों की मौत हो गई.
अभी तेलंगाना से ताज़ा ख़बर ये आई है कि ओस्मानिया हॉस्पिटल के डॉक्टर हॉस्पिटल की ख़राब बिल्डिंग से इतना तंग आ गए कि हेलमेट पहनकर हॉस्पिटल पहुंच गए. इसके पीछे का मकसद अपनी आवाज़ को सरकार के पास पहुंचाना था. लेकिन ऐसा लगता है जैसे कि सरकारों के कान साउंड प्रूफ हैं.
देखें वीडियो
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

