इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार एक तरफ जहां बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियों अभियान चला रही है, वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद इलाहाबाद में मनचलों द्वारा छेड़खानी का विरोध किये जाने पर सगे भाई-बहन को कुँए में फेंककर उन्हें मौत के घाट उतारे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है.


मामले में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज


परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने डबल मर्डर के इस मामले में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर अपनी तहकीकात शुरू कर दी है. हालाँकि अभी किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. यह घटना शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर उतरांव इलाके के बरेठी गांव की है.


बरेठी गांव के रहने वाले कन्हई लाल खेती- किसानी कर अपने परिवार का पेट पालते थे. ग्यारहवीं क्लास में पढ़ने वाली कन्हई की बेटी निशा को पड़ोस के सैता गाँव के राजू और आलोक अक्सर परेशान किया करते थे. उससे छेड़खानी करते थे और राजू उस पर शादी का दबाव डालता था.


छेड़खानी की वजह से निशा इन दिनों स्कूल भी कम ही जाती थी. बृहस्पतिवार को निशा खेतों से काम ख़त्म करने के बाद हाथ-मुंह धुलने के लिए घर के सामने कुँए पर पहुँची तभी राजू व आलोक भी बाइक से वहां पहुँच गए. इन दोनों ने निशा पर फब्तियां कासनी शुरू कर दी. निशा इनकी बातों को अनसुना करते हुए वापस जाने लगी तो इन्होंने उसका हाथ पकड़ लिया. खुद को मुसीबत में घिरता देख निशा ने शोर मचाया तो घर से उसका बड़ा भी राजेश बाहर निकल आया.


कुंए में फेंकने के बाद मौके से फरार हो गए आरोपी


आरोप है कि राजू और आलोक ने इस दौरान पहले निशा को कुँए में फेंक दिया और उसके बाद उसके बड़े भाई राजेश को. दोनों को कुंए में फेंकने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. परिवार और पड़ोस के लोगों ने करीब घंटे भर की कड़ी मशक्कत के बाद निशा और राजेश को बाहर निकाला तब तक उनकी साँसें थम चुकी थी.


बहरहाल मौके पर पहुँची पुलिस ने दोनों की लाश का पोस्टमार्टम करा दिया है. परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने राजू व आलोक के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. हालाँकि उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.


इलाहाबाद की इस घटना ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस के रवैये पर फिर से सवालिया निशान भी खड़े कर दिए हैं. सरकार की सख्ती के बावजूद चार दिन पहले ही इलाहाबाद से सटे कौशाम्बी ज़िले में बीए की छात्रा को छेड़खानी के चलते ही फांसी लगाकर जान देनी पड़ी थी.