लखनऊ: नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध की भयावह तस्वीर उजागर की है. यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई. इसमें दावा किया गया कि हर दो घंटे में राज्य पुलिस में रेप का एक मामला दर्ज किया जाता है, जबकि यूपी में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध की रिपोर्ट है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 में 4,322 रेप के मामलों की सूचना है, इस तरह हर रोज करीब 12 मामले होते हैं.
राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध के मामले दर्ज किए गए, इस तरह 162 मामले हर रोज सामने आए.
बच्चों के मामले में 2018 में 144 नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म किए गए. 2017 में इसके 139 मामले दर्ज किए गए.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध में 19 शहरों में लखनऊ शीर्ष पर रहा. यहां 2019 में महिलाओं के खिलाफ 2,736 मामले दर्ज किए गए.
इसी तरह से बच्चों के खिलाफ 19,936 मामले रिपोर्ट किए गए. इस तरह से राज्य में 55 मामले प्रतिदिन रिपोर्ट हुए.
नवंबर में जेलों को लेकर आई थी ये रिपोर्ट
देशभर की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों के मौजूद होने की समस्या बनी हुई है. देश में जेलों पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नए आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है. साल 2015-2017 के दौरान भी जेल में क्षमता से अधिक कैदी थे. इस दौरान कैदियों की संख्या में 7.4 फीसदी का इजाफा हुआ. जबकि, इस दौरान जेल की क्षमता में 6.8 प्रतिशत वृद्धि हुई.
हाल में एनसीआरबी की जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में 2015 से 2017 के आंकड़ों को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 के अंत में देश भर की 1,361 जेलों में 4.50 लाख कैदी थे. इस तरह, सभी जेलों की कुल क्षमता से करीब 60,000 अधिक कैदी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ उत्तरप्रदेश में है जबकि सभी राज्यों की तुलना में यहां सबसे ज्यादा जेल की क्षमता है. उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा कैदी भी हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 70 जेल हैं, जिनमें 58400 कैदी रह सकते हैं. लेकिन 2017 के अंत में यहां 96,383 कैदी थे.
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