पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि अब हर पंचायत के विकास के लिए हर सालल लगभग एक करोड़ रुपये अतिरिक्त मिल रही है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को पिछली बार (2010-15) की 4,810 करोड़ से 2015-20 में 21 हजार करोड़ करीब पांच गुना अधिक राशि देने का प्रावधान किया है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के हॉल में बीजेपी पंचायती राज प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 18,520 करोड़ के साथ पंचायतों को पांच सालों में कुल 39,520 करोड़ की राशि मिलेगी. 15वें वित्त आयोग से पंचायतों के साथ जिला परिषद और प्रखंड समिति को भी अतिरिक्त राशि देने की मांग की जाएगी.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 23 सालों तक कांग्रेस और आरजेडी की सरकार ने पंचायत का चुनाव नहीं कराया. साल 2001 में आरजेडी की सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण दिए बिना चुनाव करा लिया. साल 2005 में राजग सरकार ने एससी-एसटी के साथ महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. इससे बड़ी संख्या में महिलाएं मुखिया, प्रमुख और प्रतिनिधि चुनकर आ रही हैं. उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज से करीब 1600 मुखिया चुने गए हैं. पिछले चुनाव में 60 प्रतिशत महिलाएं चुन कर आई हैं. इससे समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है.
बीजेपी नेता ने कहा कि एक हजार से ज्यादा पंचायतों में राज्य सरकार ने डेढ़-डेढ़ करोड़ की लागत से 'पंचायत सरकार भवन' का निर्माण कराया है. पंचायतों को मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास और स्वास्थ्य योजनाओं की राशि भी मिल रही है. नली-गली पक्कीकरण और हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन पंचायत और वार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने पंचायती राज्य व्यवस्था को और सु²ढ़ करने की जरूरत बताते हुए सलाह दी कि बीजेपी पंचायती राज प्रकोष्ठ में 80 प्रतिशत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को रखा जाए.