राजीव राणा का पक्ष
साक्षी के पिता और बीजेपी विधायक के दोस्त राजीव राणा ने कहा कि दिसंबर 2016 में अजितेश की सगाई भोपाल में हो चुकी है. उस वक्त दोनों पक्षों के बीच पैसों को लेकर कुछ विवाद हुआ था जिसके कारण शादी टूट गई थी. उन्होंने दावा किया कि उनके काफी पैसे अजितेश के ऊपर उधार हैं जिनको अब अजितेश वापस नहीं करना चाहता है और शायद इसीलिए उनको इस विवाद में घसीटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वे पुलिस से मिल कर आगे के लिए कार्रवाई करेंगे.
विधायक का पक्ष
विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने एक पत्र जारी किया और मीडिया से बात भी की. उन्होंने कहा कि उनसे किसी को जान का कोई खतरा नहीं है. बेटी बालिग है और अपनी इच्छा से शादी करने के लिए स्वतंत्र है. वर-वधू जहां चाहें आराम से रह सकते हैं. जान से मारने की धमकी देने और ढूंढने की बात पर उन्होंने कहा कि मैं जनता के बीच में हूं और अपना काम कर रहा हूं. चाहे जैसे पता करा लें मैं यही हूं, अपने घर पर अपने क्षेत्र में हूं. उन्होंने कहा कि मैं और परिवार के लोग अपना काम कर रहे हैं.
अजितेश के पिता का पक्ष
अजितेश के पिता हरीश कुमार ने भी मीडिया से बात की और डर और धमकियों के कारण वे और उनका परिवार बरेली से बाहर है. उन्होंने अपने बेटे और बहू को जान का खतरा बताया. उन्होंने मीडिया के जरिए कहा कि विधायक जी अपनी जिद छोड़ दें और बच्चों की बात को मान लें.
अजितेश और साक्षी का पक्ष
अजितेश और साक्षी ने पहले दो वीडियो जारी किए जिनके जरिए उन्होंने दावा किया कि उनकी तलाश की जा रही है. दावा किया कि विधायक पिता और उनके दोस्त राणा के आदमी उन दोनों की तलाश में हैं. देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गए. इन्हीं वीडियो के वायरल होने के बाद पूरा मामला शुरु हुआ. अब दोनों लोगों ने मीडिया से बात की और इसी दौरान साक्षी ने कहा कि वे अपने घर नहीं जाना चाहतीं बल्कि अपने पति अजितेश के साथ रहना चाहती हैं.
पुलिस का पक्ष
इस मामले में बरेली के एसएसपी मुनीराज का कहना है कि साक्षी और उसके पति को डरने की कोई जरूरत नही हैं. एसएसपी ने कहा कि पुलिस उन दोनों के साथ है. साक्षी और अजितेश जहां भी हैं हमसे संपर्क करें हम उन्हें सुरक्षा देंगे.
नहीं मिली हाईकोर्ट से राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साक्षी और उसके पति अजितेश को 15 जुलाई को कोर्ट में पेश होने को कहा है. अदालत में साक्षी के वकील ने तमाम दलीलें पेश करते हुए सुरक्षा मुहैया कराए जाने का आदेश दिए जाने की गुहार लगाई, लेकिन अदालत ने 15 जुलाई की तारीख तय कर दी. साक्षी और उसके पति अजितेश को पंद्रह जुलाई को कोर्ट में पेश होकर अपनी बात रखनी होगी. उनकी दलीलों से संतुष्ट होने के बाद ही अदालत इस मामले में कोई आदेश जारी करेगा. साक्षी ने अपनी अर्जी में यूपी सरकार, बरेली के एसपी और बरेली के कैंट थाने के एसएचओ के साथ ही अपने पिता व बीजेपी विधायक राजेश मिश्र उर्फ़ पप्पू भरतौल को भी पक्षकार बनाया है.
महंत ने किया इंकार
बरेली के बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी के दलित युवक अजितेश से शादी का जो सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह फर्जी बताया जा रहा है. दरअसल सर्टिफिकेट के आधार पर दोनों की शादी प्रयागराज के जिस मंदिर में होने का दावा किया जा रहा है, वहां के महंत ने उनके मंदिर में न तो इस तरह की कोई शादी हुई है और न ही उनके यहां से कोई सर्टिफिकेट जारी किया गया है. एबीपी न्यूज़ की टीम सर्टिफिकेट में दिए गए पते के आधार पर पर जब प्रयागराज के बेगम सरांय इलाके में गंगा तट पर स्थित राम जानकी मंदिर पहुंची, तो वहां के लोगों ने चार जुलाई को मंदिर में किसी तरह की शादी होने से इंकार किया.