नई दिल्ली: चुनाव आयोग की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक करने की चुनौती स्वीकार करने के लिए राजनीतिक दलों के पास 24 घंटे से भी कम वक्त बचा है लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने इस चुनौती में शामिल होने के लिहाज से आवेदन नहीं किया है. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले शनिवार को ऐलान किया था कि ईवीएम को हैक करने और उनमें छेड़छाड़ की चुनौती तीन जून को दी जाएगी और इसमें भाग लेने के लिए सात मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल और 49 प्रादेशिक पार्टियां 26 मई शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकती हैं.


AAP और BSP ने जताई थी EVM टेंपरिंग की आशंका


आयोग के सूत्रों के मुताबिक आज रात तक किसी पार्टी ने आवेदन नहीं किया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका जताई थी. उसके बाद कई अन्य दलों ने उनके स्वर में स्वर मिलाया. आयोग ने ईवीएम मशीन के मदरबोर्ड में छेड़छाड़ करने की अनुमति देने की आप की मांग को आज खारिज कर दिया.


सवाल उठाने वालों को EC ने दी थी तीन जून से EVM हैक करने की चुनौती


इससे पहले 20 मई को चुनाव आयोग ने ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को तीन जून से ईवीएम हैक करने की चुनौती दी थी. भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनौती दी थी कि वे साबित करें कि हालिया विधानसभा चुनावों में यूज हुए ईवीएम में धांधली संभव है.


मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, ‘‘ईवीएम चुनौती तीन जून से शुरू होगी.’’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ईवीएम के भरोसे पर सवाल उठाया है उन्होंने अभी तक अपने दावों के समर्थन में पुख्ता साक्ष्य नहीं दिये हैं. जैदी ने कहा, ईवीएम के भीतर लगे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को बदलना संभव नहीं हैं.


ईवीएम से छेड़छाड़ की शंकाओं को EC ने किया खारिज


निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ की संभावनाओं को खारिज किया. जैदी ने कहा, “किसी भी ट्रोजन हॉर्स मैलवैयर से ईवीएम के सॉफ्टयवेयर से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.” उन्होंने ईवीएम के निर्माण के दौरान भी मशीन से किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इनकार किया. उन्होंने कहा, “न तो निर्माण के दौरान मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव है और न ही इसके सिक्योरिटी सॉफ्टवयेर के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.”


जैदी ने कहा, “सुनियोजित तरीके से भी निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, क्योंकि मशीनों के निर्माता को उम्मीदवारों की संख्या के बारे में पता नहीं होता.”


मतगणना के दौरान भी मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं


सीईसी ने कहा, “यहां तक कि निर्वाचन आयोग के पास भी पहले से कोई विस्तृत जानकारी नहीं होती. आयोग को उम्मीदवार, उनके नाम या उनके नंबर के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती.” उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया के दौरान भी मशीन के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है.


जैदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पहले ही घोषणा कर दी है कि भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के साथ होंगे और इन मशीनों के निर्माण का ऑर्डर दे दिया गया है.