यूपी: शिक्षक के कागजों का क्लोन बनाकर नौकरी कर रहे फर्जी टीचर हुए गिरफ्तार, सामने आई ये बात
उत्तर प्रदेश से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है. एक शिक्षक के नाम और कागजों पर तीन शिक्षक नौकरी करते मिले. पुलिस ने इस मामले में दोषी शिक्षकों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.
गोरखपुरः उत्तर प्रदेश से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है. एक शिक्षक के नाम और कागजों पर तीन शिक्षक नौकरी करते मिले. पुलिस ने इस मामले में दोषी शिक्षकों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी सालों से सरकार से सैलेरी ले रहे थे और शिक्षा विभाग को चूना लगा रहे थे.
असली शिक्षकों की डिग्रियों और अन्य दस्तावेजों के साथ पैन और आधार का क्लोन तैयार कर किसी दूसरे जिले में कोई शिक्षक बरसों से नौकरी कर रहा हो, तो हैरानी होना स्वाभाविक है. ऐसा ही सनसनीखेज मामला गोरखपुर में भी सामने आया है. जहां के उरुवां ब्लॉक के कन्धला प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहजनवां के रहने वाले शिक्षक राम प्रसाद ने साल 1983 में बतौर शिक्षक गोरखपुर के पाली में पहली बार ज्वाइनिंग पाई थी. 2023 में वे सेवानिवृत्त भी हो जाएंगे.
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राम प्रसाद के मोबाइल पर तीन से चार माह पहले मैसेज आया, तो उन्हें पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में दो फर्जी शिक्षक उनके नाम पर गोरखपुर के जंगल कौडि़या और गाजियाबाद में साल 1998 में नौकरी कर रहे हैं. बीएसए ऑफिस और एसटीएफ ने इसकी जांच की तो दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई बैठ गई.
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हैरानी की बात ये है कि यूपी में अभी तक 4000 से अधिक फर्जी शिक्षकों का भंडाफोड़ किया जा चुका है. इनमें से अधिकतर जांच पूरी होने के बाद सलाखों के पीछे भी पहुंच चुके हैं और उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो चुकी है.
दो सालों में गोरखपुर में ही सिर्फ 50 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई या तो सुनिश्चित की जा चुकी है. या फिर उनके खिलाफ जांच चल रही है. इनमें से कुछ जेल भी जा चुके हैं.
गोरखपुर के कैम्पियरगंज धर्मपुर के प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कर रहे गोरखपुर के गोरखपुर करीमनगर के रहने वाले शिक्षक अनिल कुमार यादव ने बताया कि साल 2006 में बतौर शिक्षक उनकी तैनाती हुई थी.
अनिल ने बताया कि साल 2018 में जब उनके पास आईटीआर दाखिल करने और टैक्स जमा करने का मैसेज आया, तो उनके होश उड़ गए. जब उन्हें इसकी जानकारी हुई कि उनके जगह पर उनके ही दस्तावेज और पैन का इस्तेमाल कर कोई सीतापुर जिले में भी नौकरी कर रहा है, तो उन्होंने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा विभाग में की.
विभाग की ओर से जब 10 से 12 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई तब उन्होंने इसकी शिकायत एसटीएफ से की. उनके नाम पर नौकरी कर रहे फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
इस संबंध में गोरखपुर के बीएसए भूपेन्द्र नारायण सिंह ने बताया कि अब तक उनके जिले गोरखपुर में उन्होंने 5 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है. वहीं उनकी जांच में फर्जी पाए गए अन्य 45 शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.