उत्तर प्रदेशः आखिर मिल ही गई असली वाली 'अनामिका शुक्ला' , खुद नहीं कर रही हैं कहीं भी नौकरी
असली अनामिका किसी भी जिले में कहीं कोई नौकरी नहीं कर रही है. असली अनामिका शुक्ला यूपी के गोंडा जिले की रहने वाली है.
लखनऊः उत्तर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों में नौकरी हासिल कर चर्चा में आई शिक्षिका "अनामिका शुक्ला" आख़िर मिल ही गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिसके नाम से 2 दर्जन अनामिका शुक्ला नौकरी कर रही हैं, वो ख़ुद बेरोज़गार है.
असली अनामिका शुक्ला यूपी के गोंडा जिले की रहने वाली है. 2017 में उसने कस्तूरबा स्कूल बस्ती के अलावा सुल्तानपुर, लखनऊ, देवपुरी और मिर्जापुर में विज्ञान शिक्षिका के पद के लिए आवेदन किया था. हालांकि पारिवारिक वजहों से उसने काउंसलिंग नहीं कराई. इसके बाद इस अनामिका शुक्ला के नाम और डिग्री का सहारा लेकर दलालों ने कई अनामिका शुक्ला बना उन्हें नौकरी दिला दी.
अनामिका के सर्टिफिकेट्स का दुरुपयोग किया गया गोंडा ज़िले में अनामिका शुक्ला नाम की महिला आज ख़ुद बीएसए कार्यालय पहुंची और अपना प्रमाण पत्र दिखाए. असली अनामिका के सामने आने के बाद पता चला कि फिलहाल वह किसी भी जिले में कहीं कोई नौकरी नहीं कर रही है. हां, अनामिका के नाम और उसके शैक्षणिक अभिलेख पर कस्तूरबा स्कूलों में भर्ती कराने का जो खेल खेला गया उसने पूरी भर्ती प्रक्रिया या यूं कहें कि पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है. बेसिक शिक्षा विभाग में शैक्षिक फर्जीवाड़े का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अनामिका का मूल शैक्षिक अभिलेख उसके पास है जबकि जालसाजों ने उसके शैक्षिक अभिलेखों का क्लोन तैयार कर कई जिलों मे न सिर्फ नौकरी हासिल कर ली बल्कि लाखों रुपये का वेतन भुगतान भी ले लिया.
खुद अपनी बात रखने पेश हुईं असली अनामिका अनामिका शुक्ला अपने पति दुर्गेश के साथ गोंडा के बीएसए कार्यालय पहुंची और बीएसए डॉ इंद्रजीत प्रजापति को अपने मूल अभिलेख दिखाते हुए अपना पक्ष रखा. अनामिका के पति दुर्गेश का कहना है कि इस मामले में अनामिका की तरफ से नगर कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है और प्रदेश सरकार से इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. बीएसए डॉ इंद्रजीत प्रजापति ने कहा है कि अनामिका अपने मूल अभिलेख के साथ आज कार्यालय में उपस्थित हुई. उसने कहीं कोई नौकरी नहीं की है. उसके अभिलेखों का क्लोन तैयार कर जालसाजों ने उसका इस्तेमाल किया है.
मीडिया से अनामिका को फर्ज़ीवाड़े का पता लगा असली अनामिका शुक्ला ने बताया कि उन्हें मीडिया के ज़रिए जानकारी हुई कि फर्जी लोग उनके नाम पर नौकरी कर रहे हैं. इसकी जानकारी होने के बाद वो अपने सभी सर्टिफिकेट्स लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिलने गईं और वहां अपना पक्ष रखा. इस मामले में अनामिका के पति दुर्गेश शुक्ला ने कहा कि उनकी पत्नी का नाम अनामिका शुक्ला है. 2017 में कस्तूरबा विद्यालय में नौकरी के लिए अप्लाई किया था. उस वक्त सीजेरियन से डिलीवरी होने के कारण काउंसलिंग में नहीं जा पाईं और अब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी की शैक्षणिक योग्यता का दुरुपयोग हो गया.
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