बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे 6 अध्यापकों समेत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी फर्जी पाए गए हैं. शिक्षा विभाग के ये वो सरकारी कर्मचारी हैं जिनकी जन्मतिथि और पैन कार्ड नम्बर दूसरे जिलों में तैनात शिक्षकों के पैन नम्बर और जन्मतिथि से मिलते हैं. प्रदेश के राज्य परियोजना विभाग से मिली 192 सूची में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे फर्जी 6 शिक्षक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिलने से हड़कंप मचा गया है. जांच पड़ताल के लिए सभी के मूल प्रपत्र मंगवाए गए हैं.
बाराबंकी जिले में पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी कागजातों के जरिये अध्यापक की नौकरी कर सरकार के खजाने से मोटी रकम वसूलने वाले बाप-बेटे जेल पहुंचाए गए थे. इस मामले के बाद अब फिर जिले में 6 अध्यापकों समेत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी फर्जी पाए गए हैं. फर्जी पाए गए कर्मचारियों की जन्मतिथि और पैन कार्ड एक है और उसी नाम पर डबल-डबल लोग नौकरी कर रहे थे.
बीएसए वीपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फाइलों के मिलान में के बाद ये फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि लीलावती जो बाराबंकी जिले में बतौर सहायक अध्यापिका है उनकी डेट ऑफ बर्थ और पैन नम्बर का मिलान महाराज गंज की लीलावती से मिल रहा है. दोनों एक हैं. इसी तरह मधुलिका पाठक का पैन और डेट ऑफ बर्थ अयोध्या की मेलानिली वर्मा से मिल रहा है. रामकिशुन सूरतगंज में काम करने वाले हैं और सेम पैन और जन्मतिथि रामकिशन बहराइच में मिलती है.
बीएसए ने बताया कि ऐसे ही हैदरगढ़ की स्वाती तिवारी का सीतापुर में सेम मामला मिला है. साथ ही जिले के पूरेडलही में स्नेहलता की डिटेल आजमगढ़ की स्नेहलता से मिल रही है. वहीं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी फतेहपुर के किशनपाल का पैन और डेट ऑफ बर्थ गाजीपुर के रहने वाले अध्यापक कृष्णप्रकाश से मिल रहा है. फिलहाल सभी का वेतन रोकने के साथ-साथ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए गए है.
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