लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी सिपाहियों को जेल भेजने और बर्खास्त करने के बाद साथी सिपाहियों के विरोध की कई तस्वीरें सामने आयी थीं, कई जिलों में हाथ पर पट्टी बांधकर पुलिस वालों ने विरोध भी किया. कुछ के ख़िलाफ़ पुलिस के आला अधिकारियों ने कार्यवाही भी की लेकिन इस मामले से यूपी पुलिस के बर्ताव और विरोध की कई पहलू सामने आए थे.
आज रायबरेली के हरचंदपुर में हुए फ़रक्का एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के बाद राहत और बचाव के काम में लगी यूपी पुलिस का ना सिर्फ़ अपनी ड्यूटी की बल्कि उनका एक नेक मानवीय चेहरा भी सामने आया. हादसे के जानकारी मिलने के कुछ मिनट बाद ही पहुंची यूपी पुलिस के सिपाहियों ने ना सिर्फ़ अपनी ड्यूटी निभाई बल्कि हादसे में ज़ख़्मी लोगों को पीठ पर लादकर स्टेशन के बग़ल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, बिना किसी ऊपरी आदेश के लोगों का समान उठा कर उन लोगों को राहत ट्रेन तक पहुंचाया.
राहत और बचाव दल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया, उनकी इस तस्वीर को सोशल मीडिया तक पहुंचाने वाले यूपी के एडीजी क़ानून व्यवस्था आनंद कुमार के मुताबिक़ 2.5 लाख फ़ोर्स वाली यूपी पुलिस सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा के जज़्बे के साथ सेवा करती है. विरोध की जो तस्वीरें आयीं वो यूपी पुलिस की छवि को ख़राब नहीं कर सकती हैं, क्योंकि ये बहुत बड़ा महकमा है, जो लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहता है.