बरेली: बरेली की दो मुस्लिम महिलाएं इन दिनों धर्म के ठेकेदारों के निशाने पर हैं. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फ़रहत नक़वी और आला हजरत खानदान की बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज किया जाएगा. शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने शुक्रवार को हुई जुमे की नवाज के दौरान तकरीर में इस बात का ऐलान किया है.


फ़रहत ने कहा कि वो औरतों के हुक़ूक़ और इंसाफ के लिए लड़ती रहेंगी

इस मामले में फ़रहत नक़वी का कहना है कि वो धर्म के ठेकेदार तब कहां चले गए थे जब महिलाओं को 3 तलाक दिया जा रहा था. जब महिलाओं का हलाला किया जा रहा था. अब जब वो हलाला, 3 तलाक़ और बहुविवाह के खिलाफ पीड़ित महिलाओं की आवाज उठा रही हैं तो उन्हें इस्लाम से खारिज करने की धमकी दी जा रही है.

फ़रहत का कहना है की वो इन धमकियों से डरने वाली नही हैं. उन्होंने कहा कि वो औरतों के हुकूक उनके इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम में जुर्म सहना भी गुनाह बताया है तो जुर्म करना भी गुनाह बताया है. उन्होंने कहा कि अब एक फ़रहत नहीं हजारो फ़रहत पैदा हो चुकी हैं. क्या अब ये लोग औरतों का वजूद ही खत्म कर देंगे.

उन्होंने कहा कि 1937 में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो बना वो अंग्रेजों की हुकूमत में बना, उसे नही मानेंगे. 1400 साल पहले बने इस्लाम को मानेंगे. हम अपनी बच्चियों की लिए लड़ते रहेंगे. हमेशा इन लोगों ने औरतों को दबाकर रखने का काम किया लेकिन आज के समय में महिलायें जागरूक हो चुकी हैं.

निदा खान ने कहा इस्लाम पर किसी का कॉपीराइट नहीं

इस मामले में आला हजरत खानदान की बहू निदा खान का कहना है कि इस्लाम किसी का ट्रेडमार्क नहीं, किसी का कॉपीराइट नही है. संविधान ने हमें अपना अधिकार दिया है. उन्होंने सबीना का मामला उठाते हुए कहा कि औरतों को प्रताड़ित करना इन्होंने फैशन बना लिया है.

उन्होंने कहा कि जिस आला हजरत खानदान में उनकी शादी हुई उसी खानदान में 14 तलाक़, 3 तलाक़ के हैं. ये लोग सिर्फ अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा ऐसे जाहिलों से वो डरने वाली नहीं.

दरअसल निदा और फ़रहत दोनों ही तलाक़ पीड़ित हैं और दोनों ही अलग अलग संस्था चलाती हैं. जिसमें वो मुस्लिम महिलाओं के हक़ की लड़ाई लड़ती हैं. जिस वजह से धर्म के ठेकेदार अब इन दोनों की महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं.