मुरादाबाद: केंद्र सरकार ने हाल ही में किसानों को राहत देने के तहत खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया था. समर्थन मूल्य घोषित होने से खुश किसानों को उम्मीद थी की सरकार के इस फैसले से उनको फायदा होगा लेकिन अधिकारियों की लाहपरवाही से किसान आज भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. किसानों का आरोप है की सरकार ने खरीफ फसलों के लिए क्रय केंद्र अभी तक नहीं खोले है जिसके चलते किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
मुरादाबाद के मंडलायुक्त कार्यालय पर आज दोपहर भाकियू से जुड़े किसानों ने टैक्टर ट्राली के साथ पहुंचकर घेराव किया और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. किसानों का आरोप है की सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1700 रुपए घोषित किया है लेकिन मंडल में खरीफ फसलों के लिए एक भी क्रय केंद्र नहीं खोला गया है जिसके चलते किसान अपनी मक्का की फसल को एक हजार रुपए में बेचने को मजबूर हैं. क्रय केंद्र ना खुलने से नाराज सैकड़ों किसान मंडलायुक्त कार्यालय पर धरने पर बैठे और कार्यालय का घेराव किया.
किसानों ने मौके पर कमिश्नर को बुलाने की मांग की है और कमिश्नर से बातचीत के बाद ही धरना समाप्त करने को लेकर फैसला लेने की बात कही है. किसान नेता महक सिंह का कहना है की सरकार की बेरुखी के चलते हर एक कुंतल मक्का पर किसान को सात सौ रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है. किसानों के मुताबिक सरकार किसानों से किए गए वादों को लेकर वादा खिलाफी कर रही है और गन्ना किसानों का करोड़ों रुपए का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. किसानों के कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने के चलते मंडलायुक्त कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल रहा और अपनी शिकायत लेकर पहुंचे फरियादियों को निराश वापस लौटना पड़ा.