फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद के अस्पताल में बच्चों की मौत पर विवाद बढ़ता जा रहा है. योगी सरकार ने इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों पर कार्रवाई की है लेकिन ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात नहीं मानी है. वहीं दूसरी ओर यूपी के डॉक्टर कार्रवाई से नाराज होकर हड़ताल पर गए हैं. वहीं, आज सुबह एक और बच्चे की मौत हो गई है. जिसके बाद एक महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या 50 पर पहुंच गई है.


 


फर्रुखाबाद में बच्चों की मौत की मिस्ट्री क्या है ?


फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया राजकीय संयुक्त अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जिला प्रशासन की जांच के रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने डीएम, सीएमओ और सीएमएस का तबादला कर दिया है. लेकिन अस्पताल जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रहा है. पूरा मामला आपको सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं.


मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने एक्शन लिया है. इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है, ‘’जांच अधिकारी को मृत शिशुओं की मां और परिवारजन ने फोन पर हुई बात में बताया है कि समय पर डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की नली नहीं लगाई और कोई दवा भी नहीं दी. जिससे स्पष्ट है कि अधिकर शिशुओं की मौत पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने की वजह से हुई.’’


उन डॉक्टरों को क्या कहना है जिन पर कार्रवाई हुई है


राम मनोहर लोहिया जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीबी पुष्कर ने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को खारिज किया है. साथ ही बच्चों की मौत के 49 आंकड़े पर भी सवाल उठाए हैं.


योगी सरकार ने इस मामले में अधिकारियों पर फौरन कार्रवाई की. साथ ही जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएमओ और सीएमएस पर केस भी दर्ज कर दिया, लेकिन ऑक्सीजन की कमी की बात सरकार भी नहीं मान रही है.


गौरतलब है इससे पहले गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 10-11 अगस्त को 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. आरोप वहां भी ऑक्सीजन की कमी के लगे थे. लेकिन सरकार नहीं मानी थी, हालांकि फर्रुखाबाद मामले में डॉक्टरों ने भी सरकार के आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.