पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी को नीतीश कैबिनेट के मंत्री अशोक चौधरी ने आज विवादित वीडियो पर नोटिस भेजा है. नोटिस में उन्होंने उनकी छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया है. चौधरी ने आज ई-मेल से नोटिस भेजकर सोशल मीडिया से उस विवादित वीडियो को हटाकर सॉरी बोलने को कहा है. दस घण्टे की मोहलत भी दी है.


अशोक चौधरी ने एबीपी न्यूज़ से बात चीत में कहा कि हमारी फैमिली के छवि पर यह चोट है. हमने उनको नोटिस भेजा है कि हम लंबे समय तक राजनीतिक जीवन में रहे हैं और मेरे पिता भी 1952 से लेकर 2004 तक बिहार विधानसभा का नौ बार प्रतिनिधित्व किए हैं. दो बार हमने भी विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. NSUI के जनरल सेक्रेट्री रहे हैं. यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी रहे हैं, प्रदेश कांग्रेस में भी पदाधिकारी रहे हैं और उसके बाद 2018 में जेडीयू ज्वाइन किया. तो निश्चित रूप से हमने अपनी एक छवि बनाई है.


उन्होंने आगे कहा,'' हमेशा हम लिखते पढ़ते रहे हैं. इंटरनेशनल फॉर्म्स पर भी लिखते हैं. इस तरह से कोई व्यक्ति ऐसी बातों को लिखेगा जिसका हमने प्रयोग ही नहीं किया और उसको आप सोशल मीडिया पर वेरिफाइड अकाउंट से शेयर करेंगे. वो भी नेता प्रतिपक्ष होकर तो निश्चित रूप से ये बड़ी बात हो जाती है. ये तो छवि खराब करने का प्रयास है इसलिए हमने उनको लीगल नोटिस भेजा है.हमने अपनी छवि को बड़ी मुश्किल से बनाया है और आपके द्वारा जाने अनजाने में आपने अपने वेरिफाइड अकाउंट से जो डाला है उसे आप डिलीट कर के माफी मांगे. अगर आप ये नही करते हैं तो इसका मतलब यही है कि आप अभी भी अपने स्टैंड पर कायम है और मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. इस हालात में मैं इसपर लीगल एक्शन लूंगा.''


उन्होंने कहा,''दस घंटे की मोहलत दे रहा हूं और वह इसलिए क्योंकि ये मीडिया की बात है. अगर आपको महसूस हुआ कि गलती हुई है तो आप उसे तुरंत हटा सकते हैं और उसी माध्यम से आप माफी भी मांग सकते हैं, जिस तरह से आपने ट्विटर पर मेरा इमेज खराब किया. उसी तरह आप माफी भी मांग लीजिए.''


अशोक चौधरी ने आगे कहा,'' अगर वह माफी नही मांगते तो कोर्ट में केस फाइल करेंगे और इनसे केस लड़ेंगे. ये कानून में अधिकार प्राप्त है कि इमेज धूमिल करने का किसी को अधिकार नही है.


तेजस्वी को कहा इनके राज में नरसंहार हुए


उन्होंने आगे तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा,''जो व्यक्ति खुद गायब रहा हो, पूरे कोरोना काल में नेता प्रतिपक्ष का पता नही था और जब लॉकडाउन खुलने के कुछ समय पहले वापस आए हैं तो मुख्यमंत्री पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. उनको लाशों के ढेर पर राजनीति दिख रहा है तो पहले उनको पूरे दुनिया का मृत्यु दर क्या है, देश का और बिहार का मृत्यु दर क्या है ये भी देख लेना चाहिए. आपको तो ये भी बताना चाहिए कि यहां कोरोना का संक्रमण कितना है. आप जांच पर सवाल उठाते हैं. पहले यहां डेढ़ हजार से दो हजार जांच हो रहे थे और अब छः हजार से दस हजार जांच हो रहे हैं. अब तो लगभग 70 प्रतिशत जिलों में जांच शुरू हो गई है. आप पोस्टर का अनावरण कर रहे हैं और उधर मुख्यमंत्री SLBC की बैठक कर के बैंकरों के साथ इस बात तो सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो हमारे छोटे व्यवसायी है उन्हें कैसे व्यवसाय दिला सके.''


तेजस्वी की पार्टी ही ढोल बाजवा है


अशोक चौधरी ने आगे कहा,'' इनकी पार्टी ही ढोल बाजवा पार्टी है. 15 वर्ष तो इनके पार्टी ने देश विदेश में बिहार का ढोल बाजवा दिया है तो इनके विरासत में तो केवल ढोल बजाना ही लिखा है. इनके पास मुद्दा नहीं है क्योंकि ये विकास पर बात नही कर सकते. इन्होंने तो पूरा 15 साल तो जातीय उन्माद में बिहार को फंसा कर रखा. नरसंहार और दंगो में बिहार को फंसा कर रखा. इनके कार्यकाल में 118 नरसंहार हुए और कितने दंगे और जातीय उन्माद हुआ तो इनके पास कोई कार्यशैली ही नही है तो ये नीतीश कुमार पर इसलिए प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं क्योंकि इनके पास कोई मुद्दा ही नही है.''