अनुमंडल दंडाधिकारी (पूर्वी) गौरव कमल ने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा गत दो जनवरी को पूर्व प्रधानमंत्री सिंह और अन्य सार्वजनिक हस्तियों को गलत रूप से पेश किए जाने को लेकर दायर एक परिवाद पत्र पर गत आठ फरवरी को सुनवाई करते हुए कांटी थाने को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.
भादवि की धारा 295, 153, 153 ए, 293, 504 और 120 बी के तहत दायर परिवाद पत्र में ओझा ने डॉ सिंह की भूमिका निभाने वाले खेर, उनके मीडिया सलाहकार का किरदार निभाने वाले अभिनेता अक्षय खन्ना सहित अन्य कलाकारों को आरोपी बनाया था.
11 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म के बारे में ओझा ने आरोप लगाया था कि फिल्म का प्रोमो देखकर उन्हें ठेस पहुंची है क्योंकि इसमें सार्वजनिक हस्तियों को जिस रूप में पेश किया गया है उससे देश की छवि खराब होती है.
ओझा ने बुधवार को बताया कि गत आठ जनवरी को अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने अनुमंडल दंडाधिकारी की अदालत का रुख किया.
अनुमंडल दंडाधिकारी ने चार फरवरी को मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से कांटी थाने को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद पुलिस ने मंगलवार प्राथमिकी दर्ज की.