आधी रात को अंधेरे में नहीं दिखा बिना रेलिंग का पुल
मुजफ्फरनगर के पार्षद हैदर सोमवार की रात अपनी एसेंट कार में सवार होकर दिल्ली से लौट रहे थे. दिल्ली देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर मेरठ के सकोती फ्लाईओवर के मोड़ पर जब उनकी कार पहुंची तो सामने पुल था. अंधेरे में कुछ भी नहीं दिखा और कार बिना रेलिंग वाले फ्लाईओवर ब्रिज से नीचे गिर गई. इस हादसे में हैदर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनका साथी वीरेंद्र बुरी तरह जख्मी हुआ है. हादसे में कार के भी परखच्चे उड़ गए थे.
पुल पर नहीं थी रेलिंग
परिजनों ने जब घटनास्थल को देखा तो वहां फ्लाईओवर के ऊपर रेलिंग नहीं थी. रेलिंग लगी होती तो शायद कार को हादसे से बचाया जा सकता था. परिजनों का मानना था कि राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी के अफसरों की लापरवाही उनके हैदर की जान पर भारी पड़ गई. हैदर के भाई शबाब ने राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी के खिलाफ मेरठ के दौराला थाने में आईपीसी की धारा 324 और 304 ए के तहत केस दर्ज कराया है. दौराला के प्रभारी निरीक्षक मनोज मिश्रा ने बताया कि केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गयी है.
दो दिन पहले टूटी थी रेलिंग
घटना स्थल पर दो दिन पहले एक रद्दी से भरा ट्रक ब्रिज की रेलिंग से टकराया था जिससे रेलिंग टूट गयी थी. परिजनों का मानना है कि इतने व्यस्त नेशनल हाइवे को लेकर एनएचएआई के अफसर अगर गंभीर होते तो 48 घंटे में नई रेलिंग लगाई जा सकती थी. इसलिए परिजनों की नजर में एनएचएआई हैदर की मौत के लिए जिम्मेवार है. एनएचएआई के अफसरों ने केस दर्ज होने के बाद घटनास्थल पर रेलिंग लगवा दी है.
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