बागपत: यूपी के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला के खिलाफ बागपत में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन कुमार मिश्र ने बड़ौत कोतवाली में फर्जीवाड़े की आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.


ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा


अनामिका शुक्ला नाम की विज्ञान विषय की अध्यापिका की नियुक्ति 31 दिसंबर-2019 को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, बड़ौत में हुई थी. मानदेय देने की बात आई तो जनवरी-2020 के मानदेय के लिए अनामिका शुक्ला ने व्हाटसएप से अपना बैंक एकाउंट विद्यालय की लेखाकार सोनिया रानी को व्हाटसएप पर ही उपलब्ध करा दिया. मानदेय ट्रांसफर करते समय गलती से खाता नंबर गलत हो गया, जिसके कारण अनामिका का 22,810 रुपए मानदेय खाते में नहीं जा सका. अनामिका का बैंक अकाउंट नंबर ये 3678001700118183 था, जबकि इस अकाउंट के स्थान पर मानदेय इस नंबर पर 3678001700118133 भेज दिया गया. यानी एकाउंट के बाद में 83 के स्थान पर 33 हो गया.



जांच शुरू हुई तो मचा लखनऊ तक हंगामा


विद्यालय की लेखाकार सोनिया रानी ने अनामिका शुक्ला द्वारा उपलब्ध कराए बैंक खाते 3678001700118183 की पासबुक की प्रविष्टि देखी, तो 18 फरवरी-2020 को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से 22,000 रुपए की धनराशि उसमें जमा हुई मिली. यह बात विद्यालय में दूसरे स्टॉफ को पता चली, तो शक गहरा गया और तुरंत लेखाकार सोनिया ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा संगीता शर्मा को इस बात की जानकारी दी. जिला समन्वयक ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए इस बारे में बालिका शिक्षा यूनिट राज्य परियोजना कार्यालय, लखनऊ को अवगत कराया, तो वहां से जांच के निर्देश मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक मेरठ को भेजे गए.



बुलाया था प्रमाण पत्रों के साथ, भेज दिया त्याग पत्र


मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक, मेरठ ने 12 मार्च को विद्यालय की वार्डन को निर्देश दिए कि 13 मार्च को अध्यापिका अनामिका शुक्ला को समस्त प्रमाण पत्रों के साथ उनके कार्यालय में उपस्थित किया जाए. निर्देशों की एक प्रति अनामिका को भी भेजी गई, चूंकि आठ मार्च को होली का त्योहार था, इसलिए विद्यालय की अध्यापक और अध्यापिका अवकाश पर अपने घरों को चले गए थे. विद्यालय की वार्डन ने 12 मार्च को कई बार अनामिका शुक्ला को फोन किए और यह बताना चाहा कि उसे मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के कार्यालय में उपस्थित होना है, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया.


जिसके बाद वार्डन ने अनामिका शुक्ला के व्हाटसएप पर हुए 13 मार्च को प्रमाण पत्रों के साथ मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा. अनामिका शुक्ला सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के कार्यालय में तो उपस्थित नहीं हुईं, बल्कि उसने घर से ही 13 मार्च को ही जिला समन्वयक बालिका शिक्षा संगीता शर्मा को व्हाटसएप पर अपना त्याग पत्र भेज दिया, जो पत्र भेजा उस पर 12 मार्च-2020 अंकित था यानी त्याग पत्र 12 मार्च को ही लिख लिया था.



अनामिका को बागपत में नहीं हुआ मानदेय का भुगतान


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मुकदमे में उल्लेख किया है कि अनामिका शुक्ला को एक भी माह का मानदेय भुगतान नहीं किया गया है. यह मुकदमा मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के निर्देश पर दर्ज हुआ है. अनामिका शुक्ला के खिलाफ धारा 409 व 420 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है.


बागपत की अनामिका असली या फर्जी


बागपत में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला असली हैं या फर्जी है, इस बात का खुलासा उस वक्त होगा जब अनामिका पुलिस के सामने होंगी.


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