प्रयागराज: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कम्प्यूटर बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिगंबर अणी अखाड़े से बाहर किये जाने के बाद एक तरफ जहां उन्हें मिली महामंडलेश्वर की पदवी भी वापस ले ली गई है, वहीं दूसरी तरफ साधू-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कम्प्यूटर बाबा के प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ मेले में किसी भी अखाड़े में इंट्री करने पर भी पाबंदी लगा दी है.


इतना ही नहीं अखाड़ा परिषद ने कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराने का भी फैसला किया है. अखाड़ा परिषद की अनौपचारिक बैठक में परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि की तरफ से कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ एमपी के इंदौर में मुकदमा दर्ज कराए जाने का एलान किया गया है.


इस बारे में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का कहना है कि कम्प्यूटर बाबा ने सभी तेरह अखाड़ों से जुड़ाव का झूठा दावा करते हुए एक पार्टी के पक्ष में काम किया है, इसलिए झूठ बोलकर अखाड़ों की गरिमा गिराए जाने के मामले में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया जाएगा.


महंत नरेन्द्र गिरि ने दावा किया है कि कम्प्यूटर बाबा को उनके दिगंबर अणी अखाड़े से बाहर किये जाने के साथ ही अब उनकी महामंडलेश्वर की पदवी भी वापस ले ली गई है. इसके अलावा कुंभ मेला प्रशासन और यूपी की योगी सरकार से कम्प्यूटर बाबा को कुंभ मेले में कोई भी सरकारी सुविधा नहीं देने की भी सिफारिश की गई है.


अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का कहना है कि कम्प्यूटर बाबा संतों के आचरण के खिलाफ एक पार्टी के पक्ष में बैठकें कर चुनाव में उसके पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रहे थे, इसीलिये उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई के बाद वह कुंभ के मेले में साधारण श्रद्धालु के तौर पर पर तो आ सकते हैं, लेकिन महामंडलेश्वर या साधू बनकर आने पर उनका विरोध किया जाएगा.


गौरतलब है कि कम्प्यूटर बाबा उर्फ़ स्वामी नामदेव त्यागी कुछ समय पहले तक एमपी की शिवराज सिंह सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री थे. कम्प्यूटर बाबा ने बाद में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और शिवराज सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया. इतना ही नहीं उन्होंने नर्मदा यात्रा और नर्मदा के किनारे हुए वृक्षारोपण को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए.