उत्तर प्रदेश में खुला पहला तितली पार्क, देखने को मिलेंगी 150 प्रजातियां
पार्क में लगभग आठ सौ मीटर लंबा पाथवे बनाया गया है. पाथवे के एक ओर पेड़ पौधे और बीच में तालाब बनाया गया है. पार्क में तीन प्राकृतिक जलाशय बनाए गये हैं, जिनमें कछुए और मछलियां होंगी. करीब चार हजार पौधे लगाए गए हैं.
लखनऊ: अगर आप तितलियों को देखने के शौकीन हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पहला तितली पार्क खोला गया है. नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में 150 प्रजातियों की तितलियां देखने को मिलेंगी. साथ ही इन तितलियों से जुड़ी रोचक जानकारी भी दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश के पहले ओपन तितली पार्क का शुभारंभ वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने किया. वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'तितली पार्क के निर्माण पर 1 . 24 करोड़ रुपए की लागत आयी है और यह लगभग दो एकड़ में फैला है.
अधिकारी ने कहा कि तितली पार्क में फिलहाल करीब 40 प्रजाति की तितलियां और 100 किस्मों के पेड़-पौधे हैं. यहां तितलियों को उनके रहने के लिए अनुकूल माहौल दिया जाएगा.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक रूपक डे का कहना है कि तितली पार्क ने चिड़ियाघर में 96 वर्षो की कमी को पूरा कर दिया.
विश्व में करीब दो हजार प्रजाति की तितलियां पाई जाती हैं. भारत में 1500 से 1700 प्रजाति की तितलियों की उपस्थिति है. अधिकांश तितलियों की औसत आयु 30 दिन होती है. कुछ ऐसी प्रजाति की तितलियां भी हैं, जो मात्र सात दिन जीवित रहती हैं.
तितली पार्क की सैर करने के लिए एक व्यक्ति को 20 रुपए टिकट का देना होगा और वह एक घंटे पार्क घूम सकेगा. सुबह 10 बजे प्रवेश शुरू होगा और अंतिम बार प्रवेश शाम चार बजे मिल सकेगा.
भारत में मुंबई, दिल्ली, गोवा, बेंगलुरु और केरल के बाद उत्तर प्रदेश में यह पहला तितली पार्क विकसित हुआ है.
पार्क में लगभग आठ सौ मीटर लंबा पाथवे बनाया गया है. पाथवे के एक ओर पेड़ पौधे और बीच में तालाब बनाया गया है. पार्क में तीन प्राकृतिक जलाशय बनाए गये हैं, जिनमें कछुए और मछलियां होंगी. करीब चार हजार पौधे लगाए गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि पार्क में तितली की पीकाक पेंजी, लाइम, कामन क्रो, ब्लू पेंजी, कामन केस्टर जैसी प्रजातियां देखने को मिलेंगी.
चौहान ने पार्क के उदघाटन के मौके पर कहा था कि नवाब वाजिद अली शाह के नाम पर बना देश का यह पहला चिड़ियाघर है, जिसको क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम, इंवायरमेंट मैनेजमेंट सिस्टम और हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम में प्रमाण पत्र मिला है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 'इको-पर्यटन' की अपार संभावनाएं हैं. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसमें खासी दिलचस्पी ले रहे हैं और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं.