कानपुर: उत्तर प्रदेश की पहली और देश की दूसरी महिला शरिया अदालत की शुरुआत सोमवार को कानपुर शहर से हुई. मोहकमा शरिया दारुल कजा ख्वातीन कोर्ट के पहले दिन घरेलू झगड़े, संपत्ति विवाद और पारिवारिक कलह के पांच मुकदमे आए. इनमें पहला मामला कर्नलगंज क्षेत्र के शराबी पति के खिलाफ पारिवारिक कलह का रहा.
काजियों ने पीड़िता के ससुराल वालों को नोटिस भेजने का फैसला किया और कहा कि जवाब आने पर आगे की सुनवाई होगी.


पटकापुर स्थित नवाब साहब कंपाउंड में शुरू महिला शरिया अदालत की शुरुआत कुरान पाक की तिलावत से हुई. इस मौके पर महिला शहर काजी (शिया) डॉ. हिना जहीर और शहर काजी (सुन्नी) मारिया अफजल ने कहा कि शरिया अदालत में मामलों को शरीअत की रोशनी में सुलह से निपटाने के साथ महिलाओं की काउंसलिंग भी की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बनें.


डॉ. हिना ने कहा कि बीवी अपने शौहर की चरण दासी नहीं है. शरीअत ने शौहर और बीवी को बराबर के अधिकार दिए हैं. औरतें अपने को दबा न समझें, अपने हक की लड़ाई लड़ें.


उन्होंने कहा कि कि जरूरी है कि मुस्लिम बेटियों के हक सुरक्षित हों. इस्लाम औरतें की तालीम और काम करने के खिलाफ नहीं है. मामले शरीअत की रोशनी में आपसी सुलह से निपटाने का प्रयास किया जाएगा.


इस मौके पर मुस्लिम ख्वातीन बोर्ड की अध्यक्ष सैयदा तबस्सुम साहिबा, महिला शहर काजी (सुन्नी) मारिया अफजल, फरजाना, नूर बीबी, जेबा नूर और मुनव्वर सुल्ताना मौजूद रहीं.