मथुरा: हरियाणा के हथिनीकुण्ड बैराज से एक ही दिन में आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मथुरा-वृन्दावन में यमुना नदी में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया, जिसके चलते जिले के 175 गांव खतरे की जद में हैं. जिला प्रशासन ने आने वाले संकट से निपटने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने शुरु कर दिए हैं.


गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात के बाद सोमवार को हथिनी कुण्ड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे मथुरा में यमुना किनारे बसे करीब 67 गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं. इनके बाद भी कम से कम 100 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पानी तबाही मचा सकता है.


जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका वाले सभी 175 गांवों में बचाव और राहत कार्यों की तैयारियां पहले से ही शुरु कर दी हैं. इनमें से 67 गांवों के लोगों को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने से पहले ही अपने मवेशी, कीमती सामान लेकर ऊॅंचाई वाले स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.


जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया,"यमुना किनारे बसे मथुरा के सभी 67 गांवों में मुनादी पिटवाने का काम शुरू करा दिया है. लोगों को गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा जा रहा है. इनमें मांट और महावन तहसील के 21-21, सदर तहसील के 20 और छाता के पांच गांव शामिल हैं. जबकि गोवर्धन तहसील इस संकट से दूर है."


आपदा और राहत कार्यों के प्रभारी अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त और राजस्व) ब्रजेश कुमार ने बताया कि पशुपालन अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को अभी से सभी प्रकार की तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं. तहसील कर्मी और क्षेत्रीय पुलिस बल लोगों को सतर्क करने में जुट गए हैं. यमुना किनारे की सभी 31 बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय कर दिया गया है. यहां तैनात कर्मचारी यमुना पर नजर रखे हुए हैं.