गोरखपुरः गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में भी नदियों का भयावह रूप देखने को मिल रहा है. एक तरफ उफनाई नदियां फसलों को लील रही हैं. तो वहीं, बाढ़ प्रभावित गांव में जुलाई माह की शुरुआत से ही गिनती के बच्चे ही स्कूल जा रहे हैं. नदियों ने स्कूल को भी अपने आगोश में ले लिया है. इसके बावजूद जलमग्न प्राथमिक विद्यालय में जान जोखिम में डालकर बच्चे पढ़ने के लिए जा रहे हैं.
नेपाल के पानी छोड़ने के बाद उफनाई नदियों ने भारत के तराई इलाके में तांडव दिखाना शुरू कर दिया है. इसका असर गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में दिखाई देने लगा है. उनवल के पिपरौली ब्लाक में बना प्राथमिक विद्यालय जरलही पिपरौली जलमग्न हो गया है. आमी नदी ने पूरे स्कूल परिसर को कब्जे में ले लिया है. परिसर में पानी भर जाने के कारण पढाई पूरी तरह से बाधित हो गई है. टीचर के साथ साथ विद्यार्थियों को भी काफी दिक्कत हो रही है. स्कूल के प्रधानाचार्य ऋषिनाथ मिश्र बताते हैं कि स्कूल के चारों ओर पानी होने के कारण बच्चों के साथ टीचरों को भी आने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस प्राथमिक विद्यालय में दो कमरे ऊंचाई पर होने के कारण बाढ़ के पानी से बचे हुए हैं. बाकी सभी कमरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. इसी कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. स्कूल के चारों ओर पानी भरा होने के कारण जहरीले कीड़े और सांप का खतरा भी बढ़ गया है. यही वजह है कि ज्यादातर लोग बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज रहे हैं. जो बच्चे स्कूल आ भी रहे हैं, वे जान जोखिम में डालकर आ रहे हैं. टीचर सुनैना और आहना का कहना है कि उनकी और बच्चों की मजबूरी है कि उन्हें बाढ़ से घिरे स्कूल में पढ़ने और पढ़ाने के लिए आना पड़ रहा है. कभी भी सांप और अन्य कीड़े निकलने से खतरा बना हुआ है.
यहीं पर पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता यादव और शातमा रियाज बताती हैं कि हर साल बाढ़ की स्थिति में यही हाल रहता है. स्कूल पानी से घिर जाता है. ऐसे में उन लोगों को स्कूल आने में दिक्कत होती है. बच्चों की संख्या भी कम हो जाती है. इसके बावजूद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है. स्टूडेंट ज्योति, रिया और आहना कहती हैं कि वे कोर्स न छूटे इसलिए स्कूल आ रही है. लेकिन अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को बाढ़ के खतरे से घिरे होने के कारण स्कूल नहीं भेज रहे हैं.
इस संबंध में गोरखपुर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय में जल जमाव की सूचना मिली है. नदी के किनारे का गांव होने के कारण वहां इस तरह की समस्या है. विद्यालय को दूसरी जगह वैकल्पिक रूप से शिफ्ट कर पठन-पाठन सुचारु रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. उफनाती नदियों ने यूपी से लेकर बिहार तक कहर बरपाया हुआ है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.