इलाहाबाद में रिहाइशी इलाकों में घुसने लगा है बाढ़ का पानी, NDRF की टीमें तैनात
संगम के आस पास जिन सड़कों पर चार दिन पहले वाहन फर्राटा भरते थे, आज वहां नावें चल रही हैं. करीब एक हजार से ज़्यादा मकानों में बाढ़ का पानी घुसने से वहां रहने वाले लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं.
इलाहाबाद : गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने अब संगम के शहर इलाहाबाद में तबाही मचानी शुरू कर दी है. दोनों नदियों का पानी अब निचले इलाकों और रिहाइशी बस्तियों में घुसने लगा है. संगम जाने वाले सभी रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. संगम के आस पास जिन सड़कों पर चार दिन पहले वाहन फर्राटा भरते थे, आज वहां नावें चल रही हैं. करीब एक हजार से ज़्यादा मकानों में बाढ़ का पानी घुसने से वहां रहने वाले लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं.
इलाहाबाद में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां अब भी खतरे के निशान से तकरीबन एक मीटर नीचे बह रही हैं. राहत और बचाव के काम में एनडीआरएफ की टीमों को भी लगाया गया है. हालांकि राहत की बात यह है कि दोनों नदियों का जलस्तर फिलहाल स्थिर है और बुधवार को दोपहर बाद से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. बाढ़ की वजह से सबसे ज़्यादा दिक्कत संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है. संगम का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर भी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है.
बाढ़ का पानी शहर के दारागंज, सलोरी, बघाड़ा, शिवकुटी, मीरापुर, करेलाबाग और राजापुर मोहल्ले में घुस चुका है. इसके अलावा गंगापार के झूंसी, फाफामऊ, छतनाग व बदरा सोनौटी और यमुनापार के नैनी, घूरपुर और महेवा इलाके भी बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं. बाढ़ का पानी रिहाइशी बस्तियों में घुसने के बाद प्रशासन ने कई रिलीफ कैम्प शुरू कर दिए हैं. इसके अलावा निचले इलाकों में लगातार जल पुलिस से काम्बिंग कराई जा रही है.
डीएम सुहास एल वाई समेत कई अफसरान लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर हालात का जायज़ा ले रहे हैं. अफसरों का कहना है कि हालात अभी पूरी तरह काबू में हैं और नदी किनारे के मकानों को छोड़कर कहीं भी पानी नहीं घुसा है. अफसरों का दावा है कि सभी एहतियाती कदम उठा लिए गए हैं और ज़रूरतमंदों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.