लालू यादव को दोहरा झटका: जाना होगा जेल, रेलवे टेंडर मामले में चार्जशीट दायर
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव फिलहाल मुंबई के एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें झटका देते हुए जमानत अवधि बढ़ाने से इनकार किया है.
रांची: चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव को आज दोहरा झटका लगा. पहले झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया और उन्हें 30 अगस्त तक सरेंडर करने के लिए कहा है. वहीं कुछ ही देर बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
चार्जशीट में मनी लांड्रिग मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, उनके करीबी पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का नाम है. ईडी ने कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) पटियाला हाऊस कोर्ट में दायर किया. आरोपपत्र में कई अहम खुलासे किये गये हैं. आरोप है कि लालू यादव के रेलमंत्री रहने के समय लीज पर होटल दिये गए थे और गुप्ता की कंपनियो के जरिए ही पैसा आया था.
जमानत याचिका खारिज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत अवधि तीन महीने बढ़ाने की मांग की थी. लालू यादव को मई में इलाज के लिए छह हफ्ते की अस्थायी जमानत दी गई थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने बढ़ा दिया था.
लालू फिलहाल मुंबई के एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती हैं. लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा, ''अब उनका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में किया जा सकता है. उन्हें मुंबई के अस्पातल से लाया जाएगा.''
पिछले दिनों लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने मुंबई जाकर उनसे मुलाकात की थी. तब उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ''बीमार पिता को देखने मुंबई के एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट आया हूं. कई बीमारियों से ग्रसित मेरे पिता यहां इलाज के लिए भर्ती हैं. उनकी गिरती सेहत और बढ़ते संक्रमण को देखकर चिंतित हूं. दुआ करता हूं कि चौबीसों घंटे डॉक्टरों की निगरानी और बेहतर इलाज से वो जल्द स्वस्थ हो जाएं.''
पिता की बिगड़ती तबीयत को लेकर चिंतित हूं: तेजस्वी यादव
चारा घोटाले के एक मामले में दिसंबर 2017 को दोषी करार दिए जाने के बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रखे गए थे. उन्हें जनवरी और मार्च 2018 में दो अन्य मामलों में दोषी करार दिया गया और 14 साल की जेल की सजा दी गई. वह साल 2013 में चारा घोटाला मामले में पहली बार दोषी करार दिए गए और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई. करोड़ों रुपये का चारा घोटाला लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 1990 में सामने आया था.