नई दिल्ली: पाकिस्तानी अदालत ने जासूसी के झूठे आरोप में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान से कुलभूषण को गिरफ्तार करने का दावा किया था और कुलभूषण को रॉ का एजेंट बताते हुए जासूसी करने का आरोप लगाया था. जानें कौन हैं कूलभूषण जाधव ?


मुंबई पुलिस में एसीपी रैंक से रिटायर हुए थे कुलभूषण के पिता


मुंबई के रहने वाले कुलभूषण जाधव के पिता सुधीर जाधव और चाचा सुभाष जाधव दोनो ही मुंबई पुलिस में बतौर एसीपी रैंक पर रिटायर हुए. दोनों ही पुलिस में थे और दोनों ही एक ही पद से रिटायर हुए, लेकिन दोनों की सोच में बड़ा फर्क था और दोनों की एक दूसरे से अनबन भी थी. कुलभूषण के पिता सुधीर जाधव की इमेज बड़े ही ईमानदार पुलिस अधिकारी थी. उनके पुलिसिया करियर में कभी विवाद नहीं हुआ.


अपने माता-पिता और बहन के साथ रहता था कुलभूषण


डिलाईल रोड में जहां आज क्राईम ब्रांच की यूनिट 3 का दफ्तर है, उसी के ऊपर पुलिस क्वाटर्स में पहली मंजिल पर सुधीर जाधव का घर था. सुधीर जाधव की मराठी के सांस्कृतिक, सामाजिक और कलाजगत से जुड़े लोगों से अच्छी दोस्ती थी और ये लोग अक्सर पूजा इत्यादि जैसे पारिवारिक समारोह में शिरकत करने के लिये उनके घर आते थे. कुलभूषण अपने माता-पिता और बहन के साथ यहीं रहते थे.


कुलभूषण को 'भूषण' कहकर पुकारते थे उसके दोस्त


रिटायरमेंट के बाद कुलभूषण के पिता सुधीर जाधव ने डिलाईल रोड का आधिकारिक घर छोड दिया और पवई में फ्लैट लेकर रहने लगे. हालांकि कुलभूषण के परिवार का ठिकाना अब डिलाईल रोड नहीं था लेकिन उसका मन इसी इलाके से जुडा था जहां उसका बचपन बीता और जहां उसके बचपन के दोस्त थे. कुलभूषण को उसके दोस्त 'भूषण' कहकर पुकारते थे और उम्र से छोटे युवकों के लिये वो 'भूषण दादा' थे.


कुलभूषण के लिये सबकुछ था दोस्तों का साथ


भूषण फुटबॉल का शौकीन थे और पास के मैदान में अक्सर दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलते थे. दोस्तों का साथ उनके लिये सबकुछ था. जब बतौर नेवी अफसर एनडीए में उनकी पासिंग आउट परेड हुई तो वो डिलाईल रोड के अपने सभी दोस्तों को साथ ले गए. ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद भी छुट्टियां मिलने पर वो डिलाईल रोड ही आ जाते थे और अपने पुराने दोस्तों के साथ वक्त गुजारते थे. एक बार ट्रेनिंग के दौरान जब भूषण को छुट्टी मिली तो उसने अपने तमाम दोस्तों को कश्मीर घूमने के लिये आमंत्रित किया और वहां उनके साथ मिलकर खूब मस्ती की.


दोस्तों को मिलिट्री में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था कुलभूषण


भूषण के दोस्त शुभ्रतो मुखर्जी के मुताबिक उसमें देशभकित की भावना काफी मजबूत थी और इसी वजह से उसने नेवी का करियर चुना ताकि वो देश सेवा कर सके. जब भी छुट्टियों में वो अपने दोस्तों से मिलने आता तो नेवी में अपनी नौकरी के रोमांचक किस्से सुनाता और दोस्तों को भी प्रेरित करता कि वे भी मिलिट्री में भर्ती हों.


फुटपाथ पर पड़ी एक बूढी भिखारी महिला पर गई कुलभूषण की नजर


कुलभूषण नेवी की नौकरी करते थे यानी कि एक ऐसे संगठन में जिसका ताल्लुक जंग से है और जहां काम करने के लिये हिम्मत चाहिए लेकिन भूषण की हिम्मत नेवी की नौकरी के बाहर भी झलकती थी. भूषण के एक दोस्त तुलसीदास के मुताबिक एक बार जब भूषण को छुट्टी मिली तो वो डिलाईल रोड अपने दोस्तों से मिलने आए. वो अपने दोस्तों के साथ मोहल्ले में टहल रहे थे, तभी उसकी नजर फुटपाथ पर एक बूढी भिखारी महिला पर पड़ी. महिला के सिर पर जख्म था, जिसमें कीड़े लग गए थे और वो दर्द के मारे बुरी तरह से कराह रही थी.


इलाके के लोगों में कुलभूषण के प्रति और बढ़ गया सम्मान


तुलसीदास की मानें तो बाकी लोगों को महिला से आ रही बदबू और उसके सिर में लगे जख्म को देखकर घिन आ रही थी और कोई उसके करीब तक नहीं जा रहा था. भूषण का दिल उस महिला की हालत देखकर पसीज गया. उसने तुरंत महिला को अपने हाथों से उठाया और अपनी गाड़ी में डालकर अस्पताल पहुंचा दिया. भूषण की ओर से दिखाई गई इस हिम्मत से इलाके के लोगों में उसके प्रति सम्मान और बढ़ गया.


जल्दी ही पाकिस्तान सरकार से बात करेगी भारत सरकार


आपको बता दें कि कूलभूषण को ईरान से गिरफ्तार किया गया था हालांकि पाकिस्तान की तरफ से उस वक्त कहा गया कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि पहले दिन से भारत सरकार ने कूलभूषण से मिलने की पाकिस्तान सरकार से इजाजत मांगी थी लेकिन पाकिस्तान सरकार ने आजतक इजाजत नहीं दी. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाए जाने के खिलाफ भारत सरकार जल्दी ही पाकिस्तान सरकार से बात करेगी. एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक भारत को सरकार को पाकिस्तान का ये फैसला बिल्कुल नागवार गुजरा है.