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लखनऊ की श्रद्धांजलि सभा में सबने कहा- अटल अगर पीएम नहीं होते तो भी उन्हें इतना ही सम्मान मिलता
अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गोमती नदी में प्रवाहित कर दी गईं. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे अस्थि कलश दिल्ली से लेकर लखनऊ पहुँचे.
लखनऊ: अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गोमती नदी में प्रवाहित कर दी गईं. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे अस्थि कलश दिल्ली से लेकर लखनऊ पहुँचे. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और मंत्रियों समेत बीजेपी के कई नेता एयरपोर्ट पहुँचे जहाँ वाजपेयी के अस्थि कलश को सलामी दी गई. एयरपोर्ट से लेकर बीजेपी ऑफ़िस तक सड़क के दोनों तरफ़ लोगों की भीड़ ने अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दी.
बारिश के बावजूद हज़ारों लोग अस्थि कलश यात्रा में शामिल हुए. राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ समेत कई बीजेपी नेता यात्रा में पैदल ही शामिल हुए. राजनाथ तो कुछ दूर तक नंगे पैर ही चले. गोमती नदी किनारे झूलेलाल पार्क में श्रद्धांजलि सभा हुई. सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता ने फूल अर्पित किए.
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केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अटल से जुड़ी कई यादें साझा कीं. उन्होंने कहा," अटल जी अगर पीएम नहीं होते तो भी पूरा देश उन्हें इतना ही मान देता." राजनाथ ने एक क़िस्सा भी सुनाया," एक बार अटल जी लखनऊ के दौरे पर आए थे तो शहर में लगे कई होर्डिंग में उनके लिए राष्ट्र पुरूष लिखा गया था."
अटल बिहारी ने राजनाथ को बुलाकर डाँटते हुए पूछा," मैं राष्ट्र पुरूष कब हो गया ? ऐसा दुबारा मत लिखवाना." राजनाथ सिंह तब यूपी के सीएम थे. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांधी जी के समृद्ध गाँव के सपने को पीएम ग्राम सड़क योजना से साकार किया.
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वाजपेयी की अस्थि कलश विसर्जन यात्रा में शामिल हुए राजनाथ सिंह और सीएम योगी
यूपी के पूर्व मुख्य मंत्री मुलायम सिंह यादव भी अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी सिर्फ़ बीजेपी के ही नेता नहीं थे. हर पार्टी के नेताओं का वे सम्मान करते थे. कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर तो अटल के ख़िलाफ़ लखनऊ से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.
उन्होंने बताया कि कैसे फ़्लाइट में यात्रा के दौरान ही उन्हें अटल ने आशीर्वाद दिया था. बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भी अटल बिहारी के क़रीबी सहयोगी रहे हैं. उन्होंने भी पूर्व प्रधान मंत्री से जुड़ी यादों का ज़िक्र किया. श्रद्धांजलि सभा के बाद गोमती नदी में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि विधि विधान के साथ विसर्जित कर दी गईं.
अटल बिहारी वाजपेयी का लखनऊ से लंबा रिश्ता रहा है. वे यहां से लगातार पाँच बार सांसद रहे. यहाँ के एमपी रहते हुए वे तीन बार देश के पीएम बने. लखनऊ से ही उन्होंने पत्रकारिता भी शुरू की थी.
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