नहीं चला अखिलेश, मुलायम, मायावती का बस, आखिरकार खाली करना पड़ा सरकारी बंगला
यूपी में पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला देने का नियम रहा है. इसके बदले उन्हें मामूली किराया भर देना पड़ता है . लेकिन एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने छह पूर्व सीएम को घर खाली करने का आदेश दे दिया.
लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी के सभी पूर्व मुख्य मंत्रियों ने सरकारी बंगला खाली करना शुरू कर दिया है. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के घर का सारा सामान नए ठिकाने पर पहुंच गया है. लेकिन पिता और पुत्र पड़ोसी बने रहेंगे. दोनों ने अंसल सिटी में रहने का फैसला किया है. वैसे मुलायम और अखिलेश ने दो साल घर में रहने की सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी थी.
मायावती का भी नया बंगला तैयार हो गया है.उनके घर का सामान भी वहां पहुंच गया है. राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह ने भी अपने अपने बंगले खाली कर दिए हैं. योगी सरकार ने दो जून तक सबको मकान खाली करने का नोटिस दिया था.
मुलायम और अखिलेश ने लगाई थी सुप्रीम कोर्ट से गुहार
सबसे पहले राजनाथ सिंह ने घर खाली किया. यूपी के पूर्व सीएम के तौर पर वे चार कालिदास मार्ग के सरकारी बंगले में रहते थे. लेकिंन अब उनका पता विपुल खंड, गोमतीनगर हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अब लखनऊ के इसी घर में रहेंगे. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बंगले से भी सामान निकलने लगा है. वे अब अंसल सिटी में रहेंगे. जहां बगल के मकान में उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने भी रहने का फैसला किया है.
मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव भी वहीं रहेंगे. पूर्व सीएम रहते हुए पिता पुत्र पहले भी विक्रमादित्य मार्ग पर पड़ोसी बन कर रहते थे. मुलायम और अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट से और दो साल तक घर में रहने की इजाजत मांगी थी. लेकिन अदालत ने इस अपील को खारिज कर दिया.
योगी आदित्यनाथ से भी मिले थे मुलायम सिंह यादव
अपना और बेटे अखिलेश का घर बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाक़ात की थी. लेकिन बात नहीं बनी. अखिलेश बार बार कहते रहे " मेरे पास तो कोई घर नहीं है. मैं किराए का मकान ढूंढ रहा हूं, अगर आपको मिल जाए तो बताएं.
मुलायम सिंह यादव पांच विक्रमादित्य मार्ग के सरकारी बंगले में पिछले 23 सालों से रहते थे. जबकि चार विक्रमादित्य मार्ग के घर में अखिलेश यादव पिछले साल भर से रह रहे थे. इसी घर से सौ मीटर दूर अखिलेश का प्लाट है. उनका अपना नया बंगला इसी ज़मीन पर बनना शुरू हो गया है.
घर बचाने के लिए मायावती ने खेला था दलित कार्ड
अपना घर बचाने के लिए मायावती ने तो दलित कार्ड ही खेल दिया. उनकी मानें तो लखनऊ के जिस घर में वे रहती हैं वो उन्हें पूर्व सीएम के नाते नहीं मिला था. मायावती का दावा है कि ये बंगला कांशीराम मेमोरियल गेस्ट हाऊस के नाम है . बीएसपी सुप्रीमो ने तो इसका बोर्ड भी लगा दिया. सीएम रहते हुए उन्होंने छह लाल बहादुर शास्त्री मार्ग वाला बंगला अपने नाम करा लिया था.इस घर की चाभी मायावती ने स्पीड पोस्ट से राज्य संपत्ति विभाग को भेज दी है .उनके पास लखनऊ में अपना एक बड़ा सा घर भी है . अब मायावती इसी मकान में रहेंगी. पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने अपने घर से सामान तो निकाल लिया है . लेकिन गेट पर ट्रस्ट का बोर्ड लगा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था बंगला खाली करने का आदेश
कल्याण सिंह ने अपने बंगले का सारा सामान अपने पोते और योगी सरकार में राज्य मंत्री संदीप सिंह के यहां रखवा दिया है.
यूपी में पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला देने का नियम रहा है. इसके बदले उन्हें मामूली किराया भर देना पड़ता है . लेकिन एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने छह पूर्व सीएम को घर खाली करने का आदेश दे दिया.