बदायू: राफेल पर संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कि शीर्ष अदालत 'सुप्रीम' है और अब इस मामले में कोई भी बात उसी के दर पर की जानी चाहिए. अखिलेश ने कहा कि राफेल देश के लिए जरूरी है. राफेल ही नहीं बल्कि कोई और लड़ाकू विमान जो देश की एयर फोर्स के लिए जरूरी है आना चाहिए. राजनीतिक दल क्या बोलते हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और जो निर्णय सुप्रीम कोर्ट देगा वही सही है.


अखिलेश ने बातचीत में राफेल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस द्वारा इस प्रकरण की जेपीसी से जांच कराए जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राफेल मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है. भविष्य में भी अगर इस मामले पर कोई संदेह उभरता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में ही रखा जाना चाहिए.

इस सवाल पर कि सपा ने पूर्व में राफेल मामले की जांच जेपीसी से कराए जाने की मांग की थी, अखिलेश ने कहा कि हमने यह मांग उस समय की थी जब मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं पहुंचा था.

उन्होंने कहा, ‘‘हाल में जिस समय जंतर मंतर पर सपा का कार्यक्रम था उस दौरान हमने यही कहा था कि इस मामले में जेपीसी गठित हो. उसमें बहुत सारी बातें हो सकती हैं, लेकिन अब तो इस पर फैसला आ गया है और सुप्रीम कोर्ट ने उसमें सभी पहलुओं पर विचार किया है.’’ सपा प्रमुख ने कहा "मेरा मानना है कि अगर भविष्य में भी इस मामले में किसी को कोई बात कहनी है तो उसके लिए शीर्ष अदालत का ही दरवाजा है." अखिलेश का यह बयान ऐसे समय आया है जब अगले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों की को एकजुट करने में जुटी कांग्रेस राफेल विमान खरीद मामले की जेपीसी से जांच कराने पर जोर दे रही है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट से मुहर के बाद भी राफेल पर रण जारी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने झूठ बोला है और सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी देकर गुमराह किया कि PAC ने CAG रिपोर्ट देखी है. इस विवाद को बढ़ता देख सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सुधार की अपील की है. राफेल डील पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 25 में सुधार की अपील की है. सरकार ने कहा है कि सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी को कोर्ट ने दूसरे ढंग से लिया जिससे फैसले के बाद कुछ विवाद हुए. सरकार की तरफ से कहा गया है कि SC के आदेश में पैराग्राफ 25 में कहा गया है कि PAC ने रिपोर्ट देख ली है जबकि होना चाहिए था PAC रिपोर्ट देखेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. साथ ही इस सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.

बता दें कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कांग्रेस पर राफेल के झूठ से पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार के खिलाफ गलत प्रचार किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस की ओर से लगाये गए सारे आरोप बेबुनियाद साबित हुए हैं.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से राफेल को लेकर बोले गए झूठ पर देश की जनता से मांफी मांगने की भी मांग की है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी के लिए राष्ट्र पहले है, फिर दल औऱ व्यक्ति सबसे बाद में है. लेकिन कांग्रेस के लिए व्यक्ति पहले, दल दूसरे और राष्ट्र सबसे आखिर में हैं.