लखनऊ: मुन्ना बजरंगी हत्याकांड को लेकर सियायत का दौर जारी है. इस घटना पर नेताओं के बयान आ रहे हैं. इसी बीच य़ूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''आज यूपी में न तो क़ानून बचा है न व्यवस्था. हर तरफ़ दहशत का वातावरण है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो जेल तक में हत्याएं कर रहे हैं. ये सरकार की विफलता है. प्रदेश की जनता इस भय के माहौल में बहुत डरी-सहमी है. प्रदेश ने ऐसा कुशासन व अराजकता का दौर पहले कभी नहीं देखा.''


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हत्या और फिरौती समेत 40 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित खूंखार गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी
बता दें कि बजरंगी की कल सेमवार सुबह बागपत जेल में एक अन्य कैदी गैंगेस्टर ने 10 गोली मारकर हत्या कर दी थी.पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. हत्या और फिरौती समेत 40 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित खूंखार गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी ने महज 17 साल की उम्र में पहला जुर्म किया और देखते ही देखते वह पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया.





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मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था
1967 में जौनपुर के पूरेदयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. उसने पांचवीं के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. बजरंगी के खिलाफ 17 साल की उम्र में ही पुलिस ने मारपीट और अवैध हथियार रखने के आरोप में पहला केस दर्ज किया गया था.


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बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी बजरंगी का नाम सामने आया था
80 के दशक में बजरंगी को जौनपुर के एक स्थानीय माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिल गया. 1984 में बजरंगी ने लूट के लिए एक कारोबारी की हत्या कर दी. गजराज के इशारे पर जौनपुर में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी बजरंगी का नाम सामने आया.


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योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं घटना के न्यायिक जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए न्यायिक जांच के निर्देश दिए थे. उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को जेलों का निरीक्षण करने के आदेश दिए थे और सुरक्षा कड़ी करने के आदेश दिए थे.