सहायक शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) राकेश कुमार ने बताया, "19 साल पहले झिन्ना वीरा गांव में बालादीन के घर में कुछ डकैतों ने डाका डालने का प्रयास किया. इसका विरोध करने पर डकैतों ने बालादीन की पत्नी शोभारानी और बेटे परशुराम की गोली मार कर हत्या कर दी थी."
उन्होंने कहा, "मामले में पीड़ित परिवार ने गांव के ही बारह बदमाशों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस ने बहादुर, दुलीचंद्र, सेवाराम और दृगपाल को दोषी मानते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था."
उन्होंने बताया, "अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) राधेश्याम यादव की अदालत ने शनिवार शाम बहादुर, दुलीचंद्र, सेवाराम व दृगपाल को डकैती और मां-बेटे की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 35-35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई."