देवरिया में चार और स्कूल मिले जो रविवार की जगह 'जुमे' (शुक्रवार) को करते थे छुट्टी
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडेय ने ऐसे स्कूलों का दौरा किया और निर्देश दिया कि स्कूलों को नियम कायदे के अनुसार चलाया जाए. उन्होंने कहा कि जिन-जिन सरकारी स्कूलों के नाम बदले गए थे, उन्हें पेंट कर वास्तविक नाम लिखवा दिए गए. हालांकि इन स्कूलों के प्राचार्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और केवल उन्हें चेतावनी दी गई है.
देवरिया: नवलपुर सरकारी प्राइमरी स्कूल में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी किए जाने और उसका नाम बदले जाने की जांच कर रही शिक्षा विभाग की टीम को पता चला है कि जिले में इसी तर्ज पर चार और सरकारी स्कूल चल रहे थे. बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडेय ने ऐसे स्कूलों का दौरा किया और निर्देश दिया कि स्कूलों को नियम कायदे के अनुसार चलाया जाए. उन्होंने कहा कि जिन-जिन सरकारी स्कूलों के नाम बदले गए थे, उन्हें पेंट कर वास्तविक नाम लिखवा दिए गए. हालांकि इन स्कूलों के प्राचार्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और केवल उन्हें चेतावनी दी गई है. स्थानीय नागरिकों के अनुसार ये स्कूल काफी समय से रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी करते थे और किसी ने इस पर कभी आपत्ति भी नहीं की. इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है.
पांडेय ने कहा कि नवलपुर स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी की सूचना और नाम बदले जाने की जानकारी मिलने के बाद पूरे जिले के स्कूलों की जांच के आदेश दिए गए और ऐसे चार और स्कूल मिले. ऐसे सभी स्कूलों के प्राचार्यों को चेतावनी दी गई कि वे नियम कायदों के अनुसार स्कूल चलाएं और शुक्रवार की जगह रविवार को साप्ताहिक अवकाश दें.
जिले के रामपुरकारखाना ब्लाक में तीन स्कूल रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी करते थे जबकि हरैया के देशी ब्लाक में भी एक स्कूल शुक्रवार को छुट्टी करता पाया गया.
उन्होंने बताया कि पोखरभिन्डा प्रसाद स्कूल में सात छात्र हैं और यहां के प्राचार्य समीउद्दीन हैं. उनके साथ एक सहायक अध्यापक है. स्वामी पट्टी प्राइमरी स्कूल में 70 बच्चे हैं जहां प्राचार्य के रूप में शौकत अली और एक सहायक अध्यापक तैनात है. हरैया प्राइमरी स्कूल में 80 बच्चे हैं जहां प्राचार्य जहांगीर आलम सिद्दीकी के अलावा दो सहायक अध्यापक तैनात हैं. रामपुरकारखाना ब्लॉक के करमहा प्राइमरी स्कूल में 156 बच्चे हैं. इस स्कूल के प्राचार्य यासिर अफजाल हैं.उनके अलावा तीन और अध्यापक तैनात हैं. इस स्कूल को आदर्श प्राथमिक स्कूल का इनाम भी मिल चुका है.
गौरतलब है कि देवरिया जिले के सलेमपुर क्षेत्र में एक परिषदीय विद्यालय के एक संप्रदाय विशेष के प्रधानाध्यापक ने मनमानी करते हुए शुक्रवार को स्कूल बंद रखने की परंपरा शुरू कर दी थी. यह विद्यालय रविवार को खुलता था. इसका खुलासा हुआ तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'स्कूल का नाम बिना किसी इजाजत के बदल दिया गया था उसमें परिवर्तन कर दिया गया है. अब यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय हो गया है और अब यहां बच्चों की साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार के स्थान पर रविवार को कर दी गयी है. मामले की जांच की जा रही है जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से जांच पत्रावली तलब करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया था. सलेमपुर के खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानचंद मिश्र को गुरुवार को जानकारी मिली कि प्राथमिक विद्यालय नवलपुर में तैनात प्रधानाध्यापक शुक्रवार को स्कूल बंद रखते हैं. इसकी जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी देवी शरण सिंह और हरेंद्र द्विवेदी को विद्यालय भेजा. दोनों लोग 9:45 बजे स्कूल पहुंचे तो वह बंद मिला. यही नहीं स्कूल की बिल्डिंग पर प्राथमिक विद्यालय नवलपुर की जगह इस्लामिया प्राइमरी स्कूल नवलपुर लिखा हुआ पाया गया.
इन दोनों ने खंड शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी दी.इस पर उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक खुर्शेद अहमद को सभी पत्रावलियों के साथ कार्यालय बुलाया. पत्रावलियों की जांच में पाया गया कि काफी समय से उक्त विद्यालय शुक्रवार को बंद रहता है और इसके एवज में रविवार को खोला जाता है. रजिस्टर की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई.
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी के पूछने पर प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय में पंजीकृत 91 छात्रों में से करीब 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए जुमे को विद्यालय बंद कर रविवार को खोला जाता है. यही नहीं प्रधानाध्यापक ने यह भी दावा किया कि वह 2008 में इस विद्यालय में आए थे तो उसके पहले से ही यहां यह परंपरा चली आ रही थी.