नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाला मामले की जांच कर रही सीबीआई और ममता सरकार के बीच टकराव से गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. शारदा चिटफंड घोटाले की जांच से जुड़ी फाइलें गायब होने को लेकर पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने रविवार को उनके घर पहुंचे सीबीआई के कुछ अफसरों को हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि, बाद में इन अधिकारियों को छोड़ दिया गया लेकिन इसी के बाद शुरू हुई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केन्द्र सरकार के बीच तनातनी. इसके बाद ममता बनर्जी रविवार की रात से ही धरने पर बैठी हुई हैं.


सीबीआई ने कमिश्नर राजीव कुमार को बताया है आरोपी


तीन हजार करोड़ रुपए के चर्चित शारदा चिट फंड घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई ने आरोपी बताया है. यह घोटाला साल 2013 में सामने आया था.


शारदा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के अध्यक्ष थे राजीव कुमार


कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को साल 2013 में शारदा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया था. इस घोटाले की जांच के दौरान एसआईटी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर, फोन और डायरी जब्त किए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शारदा चिट फंड घोटाले की जांच साल 2014 में सीबीआई को सौंपी गई.


सीबीआई ने लगाए हैं ये आरोप
सीबीआई का आरोप है कि एसआईटी ने जांच के दौरान जो महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए वह सीबीआई को नहीं सौंपा गया. इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम रविवार की शाम कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास पर गई थी.


बता दें कि राजीव कुमार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मां अभी भी संभल के चंदौसी में रहती हैं.


कोलकाता पुलिस कमिश्नर की मां ने कहा- मेरा बेटा कभी कोई गलत काम कर ही नहीं सकता


उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा," मेरा बेटा कभी कोई गलत काम कर ही नहीं सकता है. वो बहुत ईमानदार है. उसके खिलाफ कार्यवाही बदले की भावना से हुई है. हैलीकाप्टर न उतरने देने की वजह से कार्यवाही हुई है."


उन्होंने कहा,"मेरी अपने बेटे से सुबह लगभग पांच मिनट फोन पर बात हुई. उसने कहा है कि मम्मी घबराने की कोई बात नहीं है. सब ठीक है."


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के मूल रूप से रहने वाले राजीव कुमार के पिता आनंद कुमार चंदौसी के एसएम कॉलेज में समाज विज्ञान के प्रोफ़ेसर थे. चंदौसी पहले मुरादाबाद जनपद की तहसील थी जो अब संभल जनपद में है.


मुरादाबाद से आकर चंदौसी में ही आनंद कुमार बस गये थे जहां अब उनकी पत्नी एमडी अग्रवाल रहती हैं. राजीव कुमार तीन भाई बहन हैं. राजीव के छोटे भाई शरद कुमार पेशे से डॉक्टर हैं और सूरत में रहते हैं जबकि बहन ऋचा भी डॉक्टर हैं और अमेरिका में रहती हैं. राजीव कुमार के पिता कि 2010 में मृत्यु हो चुकी है.


राजीव कुमार की पत्नी कोलकाता में ही इनकम टैक्स कमिश्नर हैं और उनके एक बेटा है जो अमेरिका में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. चंदौसी में राजीव कुमार की मां अकेली रहती हैं जहां उनकी सुरक्षा में दो महिला कांस्टेबल रहती हैं.


राजीव कुमार 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं


कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है. आईपीएस रहते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल में एसपी, स्पेशल एसपी, डिप्टी कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर (स्पेशल टास्क फोर्स), डीआईजी (सीआईडी) जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाला है.


सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी राजीव कुमार से पिछले कुछ सालों से पूछताछ करने वाली थी. एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि राजीव कुमार से कई बार संपर्क करने के बावजूद उन्होंने एजेंसी को जवाब देने में कोई रूची नहीं दिखाई.


बीजेपी ने पूछा- क्या घोटाले की जांच करना अपराध है

उत्पन्न राजनीतिक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बीजेपी ने सवाल किया कि क्या घोटाले की जांच करना अपराध है और क्या कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कोई ‘राज’ जानते हैं जिसके कारण उनके लिये मुख्यमंत्री धरने पर बैठी हैं.