गोरखपुर: 29 साल के प्रवीण कुमार निषाद गोरखपुर के सांसद बन गए हैं. उन्होंने वो काम कर दिखाया है जिसे नामुमकिन माना जा रहा था. बीजेपी को गोरखपुर में हराना असंभव ही था लेकिन प्रवीण ने साबित किया कि हर तरह के चुनावी चक्रव्यूह को भेदने में वह वाकई प्रवीण हैं. चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें-


- नोएडा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके प्रवीण निषाद का ये पहला चुनाव था.

- उनके पिता संजय कुमार निषाद, राष्ट्रीय निषाद पार्टी के संस्थापक हैं. 2013 में जब यह पार्टी बनी थी को प्रवीण को प्रवक्ता बनाया गया था.

- प्रवीण ने राजस्थान में नौकरी भी की लेकिन फिर गोरखपुर वापस लौट आए और राजनीतिक पारी शुरु की.

- 2015 में उनके नेतृत्व में एक ट्रेन रोकी गई थी. एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी जिसके बाद कई गाड़ियों में आगजनी हुई थी.

- निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. खुद डॉक्टर संजय को इस चुनाव में हार मिली थी.

- गोरखपुर में उपचुनाव से पहले सपा ने निषाद पार्टी को विलय का ऑफर दिया था लेकिन संजय निषाद ने इससे इंकार कर दिया जिसके बाद सपा ने प्रवीण को प्रत्याशी बनाया था.

- उनकी मां मालती देवी और छोटे भाई श्रवण निषाद भी प्रत्याशी थे. माना जा रहा है कि अगर ये लोग चुनाव में खड़े नहीं होते तो ये वोट भी प्रवीण को ही मिलते.