पटना: बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे की कहानी बेहद दिलचस्प है. बिहार विधान सभा के मानसून सत्र में मंजू वर्मा के इस्तीफे पर विपक्ष अड़ा रहा मगर नीतीश कुमार टस से मस नहीं हुए. इसके अलावा दिल्ली के जंतर मंतर पर राहुल गांधी से लेकर शरद यादव तक ने तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिलाए लेकिन नीतीश ने उसे भी तवज़्ज़ो नहीं दी.
इसके बाद सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंजू वर्मा को क्लीन चिट नहीं दी लेकिन वेट एन्ड वॉच पर ज़रूर रखा. इसी बीच मंत्री वर्मा जमकर जाति की दुहाई देती रहीं. तेजस्वी यादव पर भड़कती रही तो कभी कैमरे पर आंसू भी बहाती रहीं. लेकिन मंगलवार को जांच एजेंसी के हवाले से जैसे ही खबर आई की मंजू वर्मा के पति और ब्रजेश ठाकुर के बीच इस साल जनवरी से लेकर मई तक 17 बार बातचीत हुई तो मामला गरमाने लगा. नीतीश भी भांप गए कि आगे खतरा हो सकता है. लिहाजा आज अपने कोर टीम को बुलाया. कोर टीम आज थोड़ी बड़ी थी.
कोर टीम में मंत्री बिजेंद्र यादव, मंत्री ललन सिंह, मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, विधायक अभय कुशवाहा भी मौजूद थे. करीब दो घंटे तक बैठक चली. लगभग तीन बजे मंजू वर्मा को इस्तीफे के साथ तलब किया गया. मंजू वर्मा करीब 20 मिनट तक रुकीं और फिर वापस घर लौट गईं. आज सुबह से ही मंजू वर्मा के घर पर माहौल गरमाया हुआ था. करीब 50 की संख्या में लोग पहुंचे थे.
विपक्ष की राजनीति और मीडिया ट्रायल से नाराज लोग प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन पर ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर में दिए बयान से साफ हो गया था कि मंजू वर्मा को जाना ही होगा. अब बारी है मंत्री के पति की आखिर वो कहां हैं, क्या सीबीआई अब उनसे पूछताछ करेगी या खुद वो मीडिया के सामने हाज़िर होंगे?