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लखनऊ: पुलिस की गोली से मारे गए विवेक तिवारी का हुआ अंतिम संस्कार, पत्नी बोली- जवाब दे सरकार
गोमती नगर इलाके में जब कथित तौर पर विवेक ने गाड़ी नहीं रोकी तो कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने उन पर गोली चला दी जिससे उनकी मौत हो गई
लखनऊ: यूपी पुलिस की गोली का शिकार बने एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी का लखनऊ में अंतिम संस्कार किया गया. विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार लखनऊ के बैकुंठ धाम भैंसा कुंड पर 9 बजे किया गया. यूपी सरकार ने विवेक तिवारी के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने का एलान किया है, साथ ही कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच भी करवाएंगे. वहीं इस पूरी घटना से विवेक तिवारी की बेटी सरकार से बहुत नाराज हैं, उनका कहना है कि जो सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती वो सरकार किस काम की?
दिल्ली में बड़े बीजेपी नेताओं की बैठक उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कल रात दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडे शामिल हुए. सभी नेताओं ने विवेक तिवारी की हत्या पर चिंता जताई है.
विवेक की पत्नी की गुहार- जवाब दे सरकार विवेक की पत्नी कल्पना ने कहा,"मेरी रात में डेढ़ बजे उनसे बात हुई थी. कल एपल फोन की लॉन्चिंग थी. वो लेट हो गए थे. सना को ड्रॉप करने गए थे. पौने तीन बजे मैंने फोन किया तो किसी ने कहा कि एक्सीडेंट हुआ है आप लोहिया पहुंचो."
उन्होंने कहा,"डॉक्टरों ने एक्सीडेंट की बात कही थी, गोली की बात नहीं बताई थी. मैं एक्सीडेंट वाली जगह पर गई, गाड़ी पर गोली के निशान थे. अगर उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी थी तो कौन सा क्राइम किया था कि गोली चलाई, मुझे योगी जी से जवाब चाहिए."
कल्पना ने कहा,"योगी जी ने कौन सा कानून पास कर रखा है, कौन सा लॉ एंड ऑर्डर बना रखा है, पुलिस कह रही है कि वो आपत्तिजनक हालत में थे. मैं ये कहती हूं कि वो हमारा आपसी मामला है. पुलिस कह रही है कि गाड़ी चढाने लगे, भागे तो एक्सीडेंट हो गया. मैटर कुछ भी था लेकिन गोली चलाने का अधिकार किसने दिया."
क्या है पूरी घटना? कल शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.
करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.
प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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