पटना: पटना की सड़कों पर इन दिनों पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टर के जरिए बीजेपी के खिलाफ कुशवाहा समाज ने मोर्चा खोल दिया है. ये पोस्टर किसने लगाया है अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ये पोस्टर बीजेपी के विरोध में लगाया गया है.
दरअसल, इस बार के राज्यसभा चुनाव में बिहार से सिर्फ एक ही सीट बीजेपी के खाते में थी. डॉ सीपी ठाकुर और आर के सिन्हा का कार्यकाल खत्म हो गया है. इस एक सीट पर डॉ सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को टिकट दिया गया. भूमिहार जाति को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने पर आर के सिन्हा के समर्थक नाराज हो गए. आर के सिन्हा खुद तो सामने आए नहीं बल्कि कायस्थ समाज को आगे कर दिया.
कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविनंदन सहाय ने कहा, "कायस्थ महासभा इस बात से बहुत दुखी हैं और नाराज है कि हमारे सिटिंग राज्यसभा के सदस्य आर के सिन्हा जी को नजरअंदाज किया गया और जो दूसरा टर्म उन्हें मिलना चाहिए था वो नहीं मिला. हमनें देखा है कि बीजेपी ने धीरे-धीरे कायस्थ महासभा को दरकिनार करना शुरू कर दिया. शायद वो हमें बंधुआ मजदूर समझ रहे हैं. हमारा समाज शत प्रतिशत बुद्धिजीवी समाज है और हमारा मानना है कि हमारे समाज को जो प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है."
रविनंदन ने कहा, "हमारी बीजेपी से उम्मीद थी कि वो इस पर खरे उतरेंगे क्योंकि उनका एक जो स्लोगन है सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास. 2020 के चुनावों के लिए हमनें ऑल इंडिया बेसिस पर बात की है और बहुत जल्द यहां पटना में एक कायस्थ संसद को बुलाएंगे जिसमें सबका विश्वास लेंगे सभी से बात करेंगे कि इस आने वाले चुनाव में हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए. अगर विश्वास के साथ निर्णय होता है तो हम राजद के साथ भी जा सकते हैं और हम विश्वासघातक लोग नहीं हैं अगर नोटा का निर्णय होगा तो हम नोटा में जाएंगे."
यही हाल कुशवाहा समाज का है. पोस्टर में बाकायदा बताया गया है कि बिहार से लोकसभा में, राज्यसभा में और केंद्रीय मंत्रिमंडल में समाज से एक भी व्यक्ति क्यों नहीं है. बीजेपी से जवाब मांगते हुए कुशवाहा समाज ने कहा कि कुशवाहा समाज को अपमानित करना बंद करो. अपमान का बदला विधानसभा चुनाव में लेंगे.
ये पोस्टर पटना के अधिकांश क्षेत्रों में लगाया गया है. कुशवाहा समाज ने पुनाइचाक मोड़, हड़ताली मोड़, हाइकोर्ट, इनकम टैक्स, डाकबंगला और अन्य क्षेत्रों में पोस्टर लगाकर अपना विरोध प्रकट किया. दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस के बीच एक सीट को लेकर तकरार तो बढ़ी लेकिन नाराजगी आगे नहीं बढ़ी है.
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