लखनऊ, नोएडा: यूपी भर की नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर कहर बरसा रही हैं. नोएडा से लेकर गाजीपुर तक और मथुरा से लेकर बाराबंकी तक बाढ़ जैसे हालात हैं. सरकार और प्रशासन सजग है लेकिन फिर भी लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. कई जगहों पर फसलें खराब होने की बातें भी सामने आई हैं.
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ग्रेटर नोएडा के कई गांवों में फसल बर्बाद हो गई है. लोगों के खेतों और घरों में पानी भर गया है. ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं के चारे और सब्जियों की समस्या पैदा हो गई है. तिलवाड़ा गांव में करीब 20 परिवार फंसने की बात भी सामने आई है जिनके लिए NDRF की मदद ली जा रही है.
यूपी के फतेहपुर में भी यमुना नदी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. खागा तहसील के करीब 50 गांवों से संपर्क कट गया है. बिंदकी और सदर तहसील के हाल भी खराब हैं. प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे बाढ़ चौकियां बनाई हैं जिन पर 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती की गई है. एडीएम पप्पू गुप्ता ने कहा कि अगर गावों में पानी घुसता है तो लोगों को विस्थापित किया जाएगा.
हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर में भी बाढ़ जैसे हालात हैं. अधिकारी लगातार गांवों के दौरे पर हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं. सावधानी बरतते हुए उन इलाकों की बिजली को बंद कर दिया गया है जहां पानी भरा हुआ है. अभी आने वाले वक्त में पानी का स्तर और बढ़ सकता है.
वाराणसी में गंगा और वरुणा दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. गंगा खतरे के निशान से कुछ ही दूर है. वहीं कौशांबी की मंझनपुर तहसील में एसडीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया. यहां 4 बाढ़ चौकियां भी स्थापित की गई हैं.
बुलंदशहर में भी गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. नदी के किनारे बने मकानों और दुकानों में पानी भर गया है. हालात की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है. शामली में यमुना नदी उफान पर है और कई जगहों से फसलों के जलमग्न होने की खबरें सामने आई हैं.