अगर हनुमान जी की इस मूर्ति तक पहुंचता है गंगा का पानी तो इलाहाबाद में नहीं आती कोई आपदा
संगम की रेती पर स्थित पौराणिक महत्व के इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के साथ ही पूरा मंदिर परिसर गंगा की बाढ़ के पानी में डूब गया है. ऐसा अरसे बाद हुआ है, जब गंगा मइया ने सितम्बर के दूसरे हफ्ते में प्रयाग के नगर देवता को अपने आंचल में लेकर उन्हें स्नान कराया है.
इलाहाबाद: इलाहाबाद में गंगा और यमुना के जलस्तर में पिछले दो दिनों से हो रही बढ़ोत्तरी के बाद रविवार की रात को बाढ़ के पानी संगम किनारे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर में समा गया. संगम की रेती पर स्थित पौराणिक महत्व के इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के साथ ही पूरा मंदिर परिसर गंगा की बाढ़ के पानी में डूब गया है. ऐसा अरसे बाद हुआ है, जब गंगा मइया ने सितम्बर के दूसरे हफ्ते में प्रयाग के नगर देवता को अपने आंचल में लेकर उन्हें स्नान कराया है.
मान्यताओं के मुताबिक़ जिस साल गंगा का पानी इस प्राचीन मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति तक पहुंचता है, उस साल इलाहाबाद में कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती और हर तरफ शांति रहती है, इसलिए कुंभ मेले से ठीक पहले मंदिर में गंगा का पानी आने के बाद श्रद्धालुओं की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और सैकड़ों लोग घुटने भर पानी में चलकर हनुमान जी के दर्शन-पूजन को मंदिर में पहुंचे.
पौराणिक महत्व वाला यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी आराम की मुदा में लेटकर अपनों भक्तों को दर्शन देते हैं. गंगा का पानी आने पर मंदिर में विशेष पूजा- अर्चना और आरती की गई. इस मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने शंख और घंटे बजाकर गंगा मैया का स्वागत किया और गंगा मइया व पवन पुत्र हनुमान के एक साथ दर्शन किये.
इलाहबाद में कुछ महीनों बाद कुंभ का मेला लगने वाला है, जिसमे दुनिया भर से तकरीबन पंद्रह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. कुंभ से पहले प्रयाग के नगर देवता लेटे हनुमान जी के मंदिर में गंगा का पानी काफी शुभ माना जा रहा है. आने वाले दिनों में मंदिर परिसर पूरी तरह डूब जाने की आशंका जताई जा रही है. गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से इलाहाबाद के निचले इलाकों पर अब डूबने का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि यहां दोनों नदियां अब भी खतरे के निशान से तकरीबन ढाई मीटर नीचे ही बह रही हैं.